चलती लग्जरी बस में भड़की आग - बाल बाल बचे 55 यात्री

चलती लग्जरी बस में भड़की आग - बाल बाल बचे 55 यात्री

Bhaskar Hindi
Update: 2019-01-07 09:32 GMT
चलती लग्जरी बस में भड़की आग - बाल बाल बचे 55 यात्री

डिजिटल डेस्क, पन्ना। पिछली देर रात यहं एक लग्जरी यात्री बस में अचानक आग भड़क जाने से उस पर सवार 55 यात्री बाल - बाल बच गए। लोगों केे रोंगटे खड़े करने वाली यह घटना में पन्ना शहर से महज 5 किलोमीटर दूर स्मृति वन में के पास घटित हुई ।यह बस तब खाक हो गई जब वो महाराष्ट्र के औरंगाबाद से गंगासागर पर्यटकों को लेकर जा रही थी। हालांकि पूरी बस खाक होने के बाद भी सभी 55 यात्री सुरक्षित हैं जिन्हें ड्राइवर की सूझबूझ के कारण बाहर निकाल दिया गया था। प्राप्त जानकारी के अनुसार, टूरिस्ट बस क्रक्रमांक एमपी 13 पी 2711 औरंगाबाद महाराष्ट्र से गंगासागर श्रद्धालुओं को लेकर जा रही थी। राष्ट्रीय राजमार्ग 39 पर पन्ना से छतरपुर की ओर स्मृति वन के समीप इस लग्जरी बस में अचानक आग लग गई। यह हादसा देर रात घटित हुआ। चलती बस में आग लगते ही चालक ने बस को रोका और सभी यात्री सुरक्षित बस से बाहर निकाल आये। इसके बाद बस बुरी तरह से जलने लगी। लोगों ने पुलिस एवं फायरदल को सूचना दी। लेकिन इससे पहले की फायरदल मौके पर पहुंचता बस में आग फैल चुकी थी। बताया जाता है कि तीर्थदर्शन के लिए श्रद्धालुओं को ले जा रही यह बस आज ओरछा से होकर चित्रकूट जा रही थी, तभी यह हादसा हुआ। इस हादसे में कोई भी हताहत नहीं हुआ है। घटना की सूचना मिलते ही कोतवाली पुलिस सहित कई अधिकारी मौके पर पहुंचे गये। जिला परिवहन अधिकारी सुनील शुक्ला ने मौके पर पहुंचकर आग लगने की घटना की जानकारी ली और कारणों की पड़ताल शुरूकर दी। 

पहले भी हो चुका है भीषण अग्नि हादसा
वहीं नगर पालिका अधिकारी अरूण पटैरिया ने मौके पर पहुंचकर हादसे में प्रभावित यात्रियों के रूकने एवं खाने आदि की व्यवस्था सुनिश्चित की। ताकि लोगों को ठण्ड के मौसम में परेषानियों का सामना न करना पड़े। इसके साथ ही स्थानीय लोगों ने भी इन यात्रियों की मदद के लिए कम्बल आदि की व्यवस्था कराई है। फायर दल के सदस्य रूपेश शर्मा ने बताया कि हमें 2.58 मिनट पर आग की सूचना मिली थी, फायर दल 3.01 मिनट पर मौके पर पहुंचा और आग पर काबू पाया गया। विदित हो कि पूर्व में 4 मई 2015 को पन्ना में भीषण बस हादसा हुआ था, जिसमें 22 लोगों की मौत बस में जलकर हो गई थी। इसके बाद से ही बसों की सुरक्षा को लेकर सवाल उठाने शुरू हुए। लेकिन लगातार हो रहे हादसे अभी भी सुरक्षा के मामलों की अनदेखी को उजागर कर रहे हैं।

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