महिलाओं में तेजी से बढ़ रहा एचआईव्ही - 33 पुरुष एड्स से मिले पीडि़त

महिलाओं में तेजी से बढ़ रहा एचआईव्ही - 33 पुरुष एड्स से मिले पीडि़त

Bhaskar Hindi
Update: 2018-11-15 07:35 GMT
महिलाओं में तेजी से बढ़ रहा एचआईव्ही - 33 पुरुष एड्स से मिले पीडि़त

डिजिटल डेस्क, कटनी। जिले में एचआईव्ही का खतरा अब महिलाओं के ऊपर भी मण्डरा रहा है। तीन वर्ष के अंतराल में कुल एड्स पीडि़तों में 40 प्रतिशत संख्या महिलाओं की रही। जिन्हें परदेशी पति के द्वारा यह बीमारी दी गई। गनीमत यह रही कि ऐसी महिलाओं की पहचान समय पर हो सकी। जांच के बाद एचआईव्ही पॉजीटिव मरीजों का इलाज शुरु कर उन्हें खतरे से बचाया जा सका। जिले में तेरह वर्षों के अंतराल में 241 मरीजों की पहचान की गई। शुरुआती दौर में तो यह बीमारी सिर्फ पुरुषों में ही मिलती रही। बाद में महिलाएं भी इस बीमारी की चपेट में आ गईं।

तीन वर्ष में 54 मरीज
तीन वर्ष के अंतराल में 54 मरीजों में एचआईव्ही पॉजीटिव पाया गया। जिसमें पुरुषों और महिलाओं में महज बीस फीसदी का ही अंतर रहा। वर्ष 2016 में कुल 10 मरीजों में से 4 महिला और पुरषों की संख्या 6 रही। वर्ष 2017 में तो स्थिति और भयावह रही। जब इस वर्ष 29 नए मरीजों की पहचान की गई। इसमें महिलाओं की संख्या 11 और पुरुषों की संख्या 18 रही। चालू वर्ष में नए मरीजों की संख्या में जरुर काबू पाया गया। लेकिन महिलाओं में एड्स के संक्रमण को रोक पाने में जागरुकता कार्यक्रम भी पूरी तरह से सफल नहीं हुआ। अक्टूबर माह तक 15 नए मरीजों में से महिलाओं की संख्या 6 और पुरुषों की संख्या 9 रही।

परदेशी पति दे रहे संक्रमण
एड्स बीमारी देने में परदेश में रहने वाले पुरुषों की संख्या अधिक है। जिले से महानगरों में मजूदरी करने के लिए पुरुष जाते हैं। वहां पर असुरक्षित तरीके से शारीरिक संबंध स्थापित कर एड्स की बीमारी भी ला रहे हैं। जांच में भी पाया गया कि सबसे अधिक बीमारी का का कारण असुरक्षित तरीके से संबंध बनाने से ही बनते हैं। 85 फीसदी मामले ऐसे होते हैं, जिसका प्रमुख कारण यही होता है। जबकि रक्त से एड्स फैलने का कारण एक फीसदी ही बनता है। सीरिंज और नीडिल से छह प्रतिशत और एचआईव्ही पीडि़त माता-पिता से सात प्रतिशत बच्चों में एड्स पहुंच जाता है।

इनका कहना है
जिले मेें अब अधिकांश लोग परीक्षण कराने के लिए पहुंच रहे हैं। जिससे मरीजों की पहचान भी हो रही है। समय-समय पर जागरुकता कार्यक्रम चलाया जाता है। - हेमंत श्रीवास्तव, परामर्शदाता

 

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