युवा आरोपी के उम्र व भविष्य को देखते हुए हाईकोर्ट ने रद्द किया लापरवाही से गाड़ी चलाने का मामला
राहत युवा आरोपी के उम्र व भविष्य को देखते हुए हाईकोर्ट ने रद्द किया लापरवाही से गाड़ी चलाने का मामला
डिजिटल डेस्क, मुंबई । बांबे हाईकोर्ट ने लापरवाही से गाड़ी चलाने के मामले में एक युवक के भविष्य व उसकी कम उम्र को देखते हुए उसके खिलाफ दस साल पुराने आपराधिक मामले को रद्द कर दिया है। आरोपी युवक ने दस साल पहले (जब 22 साल का था) उसने अपने बुलेट से किसी दूसरे मोटरसाइकिल सवार को ठोकर मार दी थी। इसमें दो लोग जख्मी हो गए थे। युवक ने जख्मी लोगों से आपसी समहती से समझौते करने के बाद कोर्ट में खुद के खिलाफ दर्ज आपराधिक मामले को रद्द करने की मांग की थी। पुलिस ने युवक के खिलाफ साल 2012 में भारतीय दंड संहिता की धारा 279,337,338 व 427 के तहत आपराधिक मामला दर्ज किया था।
न्यायमूर्ति पीबी वैराले व न्यायमूर्ति एसएम मोडक की खंडपीठ के सामने आरोपी युवक की याचिका पर सुनवाई हुई। इस दौरान आरोपी के वकील ने कहा कि मेरे मुवक्किल एक छात्र है। उन्होंने सड़क दुर्घटना में जख्मी हुए दो लोगों के साथ मिलकर मामले को सुलझा लिया है। पीड़ितों को मेरे मुवक्किल ने मुआवजा भी प्रदान किया है। मामले से जुड़े शिकायतकर्ता को मामला रद्द करने पर कोई आपत्ति नहीं है। मामले से जुड़े तथ्यों पर गौर करने के बाद खंडपीठ ने पिछली सुनवाई के दौरान मुकदमे की सुनवाई को लेकर बेलापुर मजिस्ट्रेट कोर्ट से प्रगति रिपोर्ट मंगाई थी। लेकिन यह रिपोर्ट कोर्ट में नहीं पेश की गई। मामले से जुड़े तथ्यों पर गौर करने के बाद खंडपीठ ने कहा कि प्रकरण को लेकर मुकदमे की सुनवाई शुरु हो चुकी है। इस मामले में आरोपी को या तो बरी किया जा सकता है या दोषी माना जा सकता है। मान ले कि आरोपी को दोषी मान लिया जाता है तो इससे आरोपी युवक का भविष्य दाव में लग सकता है। इसलिए यह मामला हमे रद्द करने के लिए उपयुक्त नजर आ रहा है।