शहर में बढ़ी महिलाओं से अत्याचार की घटनाएं, ‘दामिनी’ तक पहुंचीं केवल दो शिकायतें

शहर में बढ़ी महिलाओं से अत्याचार की घटनाएं, ‘दामिनी’ तक पहुंचीं केवल दो शिकायतें

Anita Peddulwar
Update: 2019-03-02 08:56 GMT
शहर में बढ़ी महिलाओं से अत्याचार की घटनाएं, ‘दामिनी’ तक पहुंचीं केवल दो शिकायतें

डिजिटल डेस्क, नागपुर। शहर में बढ़ती छेड़छाड़ व रेप की घटनाएं घटित होने के बावजूद महिलाओं के लिए गठित दामिनी स्क्वॉड में मात्र दो शिकायतें मिलने की अचंभित करने वाली जानकारी सामने आई है।  महिलाओं की सुरक्षा के लिए गठित दामिनी स्क्वॉड को 1 जनवरी 2017 से 31 दिसंबर 2018 के बीच केवल दो ही शिकायतें मिली हैं। यह खुलासा आरटीआई के तहत हुआ है। आरटीआई एक्टिविस्ट अभय कोलारकर की ओर से मांगी गई जानकारी में यह जवाब मिला है। स्क्वॉड को मिली दोनों शिकायतें नाबालिग से जुड़े मामले की थीं और संबंधित पुलिस थानों में पास्को एक्ट के तहत दर्ज हुई थीं। इन आंकड़ों से यह निष्कर्ष निकालना कि शहर में छेड़खानी की घटनाएं बंद हो गई हैं, बिलकुल गलत होगा। आंकड़ों के अनुसार इसी समयावधि में विभिन्न थानों में धारा 354 के तहत उत्पीड़न के 762 मामले दर्ज हुए। स्क्वॉड की इंचार्ज वुमन पीआई शुभदा शंके ने इस बारे में किसी भी सवाल का जवाब देने से इनकार कर दिया।  

लोगों तक नहीं पहुंची स्क्वॉड की जानकारी
महिला मामलों से संबंधित एक्टीविस्टों के अनुसार लगभग दो वर्ष पहले जोर-शोर से शुरू हुए दामिनी पथक का प्रचार ठीक से नहीं हो पाया। लड़कियों और महिलाओं तक इसकी जानकारी नहीं पहुंचना भी एक बड़ा कारण है। 

1.10 लाख किमी पेट्रोलिंग
आरटीआई के अनुसार स्क्वॉड ने पिछले दो वर्ष में शहर में 1.10 लाख किमी पेट्रोलिंग की। फिलहाल स्क्वॉड में पांच सदस्य हैं। इनमें चार महिलाएं एक वाहन चालक शामिल है। 
2016 में हुई थी शुरुआत : दिसंबर 2016 में पुलिस कमिश्नर डॉ. के. वेंकटेशम ने दामिनी स्क्वॉड और भरोसा सेल की शुरुआत की थी। हैदराबाद पुलिस की तर्ज पर दामिनी स्क्वॉड शुरु की गई थी। इसका उद्देश्य शहर में गश्त कर छेड़छाड़ व उत्पीड़न की घटनाओं पर नियंत्रण करना है। 

स्क्वॉड मामला संबंधित थाने में भेज देता है 
शिकायतें कम होने का कारण शहर में इस तरह के मामलों पर कड़ाई से लगाई गई रोक है। दामिनी स्क्वॉड का मुख्य काम संवेदनशील स्थानों पर गश्त के जरिए महिलाओं के खिलाफ अपराध की रोकथाम है। अगर कोई शिकायत करता है, तो स्क्वॉड मामला संबंधित थाने को भेज देता है।   -भूषण कुमार उपाध्याय, पुलिस कमिश्नर, नागपुर
 

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