तिरुपति बिल्डकॉन के रिकार्ड खंगाल रहा आयकर विभाग- बुढ़ार स्थित कंपनी कार्यालय में चल रही कार्रवाई

तिरुपति बिल्डकॉन के रिकार्ड खंगाल रहा आयकर विभाग- बुढ़ार स्थित कंपनी कार्यालय में चल रही कार्रवाई

Bhaskar Hindi
Update: 2019-03-09 08:39 GMT
तिरुपति बिल्डकॉन के रिकार्ड खंगाल रहा आयकर विभाग- बुढ़ार स्थित कंपनी कार्यालय में चल रही कार्रवाई

डिजिटल डेस्क,शहडोल। आयकर विभाग द्वारा तिरुपति बिल्डकॉन कंपनी के दस्तावेजों की जांच पड़ताल की जा रही है। बुढ़ार स्थित कंपनी के ऑफिस में विभाग द्वारा की जा रही रूटीन सर्वे के तहत कंपनी के आय-व्यय के लेखा जोखा के साथ अन्य दस्तावेजों की जांच पड़ताल की जा रही है। तिरुपति कंपनी के हर्षवर्धन सिंघानिया व पदम सिंघानिया के आफिस में आयकर विभाग ने शुक्रवार की दोपहर 2-3 बजे से कार्रवाई शुरु की। जानकारी के अनुसार आयकर विभाग के कटनी रेंज के 12 लोगों की टीम द्वारा सर्वे का कार्य किया जा रहा था।इसमें अभी तक क्या मिला, इस बारे में पता नहीं चल पाया है। विभाग के संयुक्त संचालक श्रीकांत नामदेव ने बताया कि यह रूटीन सर्वे है। परीक्षण का कार्य अभी चल रहा है। सर्वे के बाद सारी स्थिति स्पष्ट हो पाएगी।

गौरतलब है कि आयकर विभाग द्वारा वित्तीय वर्ष के अंतिम महीने में विभिन्न प्रकार के कारोबार से जुड़े लोगों व संस्थानों में सर्वे कराया जा रहा है। विगत दिवस शहडोल शहर में कई संस्थानों पर कार्रवाई के दौरान लाखों की टैक्स चोरी का मामला सामने आया था।
 

प्राचार्य पर नौकरी के नाम पर रुपये लेने का आरोप
नौकरी लगवाने के नाम पर एक महिला ने कन्या हाई स्कूल गोहपारू के प्राचार्य पर 45 हजार रुपये लिए जाने के आरोप लगाए हैं। कमिश्नर को दिए लिखित शिकायत में ग्राम देवगढ़ निवाासी सुजाता डहरवाल ने आरोपित किया है कि अब रकम वापस मांगने पर प्राचार्य द्वारा जाति सूचक गाली गलौज करते हुए अपमानित किया जा रहा है। शिकायत में उल्लेख है कि प्राचार्य हरिकृष्ण ताम्रकार जो गोहपारू बीईओ भी हैं, द्वारा नौकरी लगवाने व भतीजी का स्थानांतरण कराने के लिए दो किश्तों में 45 हजार रुपये अपने बैंक अकाउंट में जमा कराए। महिला ने शिकायत के साथ प्राचार्य के अकाउंट में जमा राशि की पावती संलग्न करते हुए बताया कि पहली किश्त 5 सितंबर को 25 हजार व एक अक्टूबर को 20 हजार की रकम बैंक में जमा कराई। नौकरी नहीं लगने पर राशि लौटाने की बात कही तो अपमानित कर रहे हैं। महिला ने राशि वापस दिलाने की मांग की है। कमिश्नर द्वारा शिकायत की जांच के लिए कलेक्टर को प्रेषित किया गया है।

 

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