कम उम्र में स्तन कैंसर के मामलों में वृद्धि, जागरूकता जरूरी

कम उम्र में स्तन कैंसर के मामलों में वृद्धि, जागरूकता जरूरी

Bhaskar Hindi
Update: 2019-10-03 22:35 GMT
कम उम्र में स्तन कैंसर के मामलों में वृद्धि, जागरूकता जरूरी

डिजिटल डेस्क, नागपुर। युवा महिलाओं में स्तन कैंसर की शिकायत दिनों-दिन बढ़ती जा रही है। यह बिमारी के 50 प्रतिशत मरीज 50 वर्ष से कम आयु की महिलाएं हैं। 30 से 40 वर्ष आयु वर्ग में इस ​बिमारी का प्रकोप सबसे ज्यादा है। विकसित देशों के मुकाबले में भारत में स्तन कैंसर के कारण हाेने वाली मौत की संख्या काफी अधिक है। बीमारी की पहचान के बाद मृत्यु दर 50 फीसदी है।

आंकोलॉजिस्ट डॉ. सुशील मानधनिया के अनुसार इसका सबसे प्रमुख कारण बीमारी की देर से पहचान है। उन्होंने कहा कि 10 विषय में समय पर जांच काफी मददगार साबित हो सकती है। इसके लिए जागरूकता बढ़ाए जाने की जरूरत है। डॉ. मानधनिया स्तन कैंसर जागरूकता माह में इस विषय पर लोगों तक जानकारी पहुंचाए जाने के साथ-साथ कैंसर को नोटिफाइंग बीमारी में शामिल किए जाने की जरूरत बताई।

हर 22 में एक महिला को स्तन कैंसर का खतरा

देश में हर 22 महिला में से एक महिला को स्तन कैंसर होने का खतरा है। यह खतरा विकसित देशों में कई गुणा ज्यादा है। अमेरिका में हर आठ महिला में एक महिला को यह खतरा है। नागपुर स्थित राष्ट्र संत तुकड़ोजी क्षेत्रीय कैंसर अस्पताल के आकड़ों के अनुसार देश में 40 से 50 वर्ष के आयु वर्ग में 29.3 प्रतिशत महिलाओं की मौत का कारण स्तन कैंसर है। नागपुर में भी स्थित कमोबेश ऐसी ही है।

आधुनिक जीवनशैली बढ़ा रहा खतरा

कैंसर विशेषज्ञों के अनुसार देश के शहरों में तेजी से बदलती जीवनशैली के कारण स्तन कैंसर को खतरा बढ़ रहा है। देर से शादी और कम बच्चों के कारण भारतीय महिलाओं में इस प्रकार के कैंसर का प्रमाण तेजी से बढ़ रहा है। ग्रामीण महिलाओं की तुलना में शहरी महिलाओं में स्तन कैंसर के मामले ज्यादा है जबकि ग्रामीण महिलाओं में स्वाइकल कैंसर के मामले ज्यादा हैं।
 
पुरुषों में भी स्तन कैंसर

नागपुर में एक कैंसर अस्पताल में पिछले एक वर्ष में पुरुषों में कैंसर के सात मामले दर्ज हुए हैं। आम तौर महिलाओं को होने वाली बीमारी माना जाने वाला स्तन कैंसर पुरुषों को भी हो सकता है। मोटापा और शराब की आदत को पुरुषों में स्तन कैंसर का खतरा बढ़ा सकते हैं।  

सक्रियता कम कर सकती है खतरा

कैंसर विशेषज्ञों के अनुसार नियमित रूप से शारीरिक सक्रियता, वजन पर नियंत्रण, अल्कोहल से दूरी और मेनोपॉज के बाद हॉर्माेन थैरेपी से बचने से स्तन कैंसर के खतरे को कम किया जा सकता है।

नागपुर में स्तन कैंसर के मरीज

वर्ष          संख्या
2012       386
2013       452
2014       432
2015       475
2016        440

(यह संख्या केवल राष्ट्र संत तुकड़ोजी क्षेत्रीय कैंसर अस्पताल की है)

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