केंद्र सरकार ने बढ़ाए भत्ते, अब राज्य सरकार को घेरेंगे कर्मचारी
केंद्र सरकार ने बढ़ाए भत्ते, अब राज्य सरकार को घेरेंगे कर्मचारी
डिजिटल डेस्क, भोपाल. केंद्र सरकार ने सातवें वेतन आयोग की सिफारिशों को संशोधन के साथ लागू करते हुए केंद्रीय कर्मचारियों के एचआरए (मकान भाड़ा) में खासी वृद्धि कर दी है।ताकि कर्मचारियों को सरकारी मकानों में रहना महंगा पड़े और वो खुद के मकानों में शिफ्ट हो जाएं। उधर, प्रदेश के 4 लाख 24 हजार नियमित कर्मचारियों को अब तक सातवां वेतनमान ही नहीं मिला है। इससे कर्मचारी खासे नाराज हैं और सरकार पर दबाव बनाने की रणनीति बना रहे हैं।
केंद्र सरकार ने अपने कर्मचारियों को एक जनवरी-16 से सातवां वेतनमान और एक जुलाई-17 से बढ़े हुए भत्ते दे दिए हैं। मध्य प्रदेश के पड़ोसी छत्तीसगढ़, राजस्थान सहित देश के ज्यादातर राज्य अपने कर्मचारियों को सातवां वेतनमान दे चुके हैं। ये राज्य अब सातवें वेतन आयोग की भत्तों संबंधी अनुशंसाओं को लागू करने की तैयारी कर रहे हैं। जबकि मध्य प्रदेश सातवें वेतनमान के आदेश जारी नहीं कर पाया है। कर्मचारियों को सबसे ज्यादा तनाव वेतनमान में देरी से एरियर राशि के नुकसान का है। उनका कहना है कि सरकार देरी से वेतनमान देगी और फिर भत्ते भी देरी से देगी, तो उसकी एरियर राशि नहीं मिलेगी। सरकार ऐसा छठवां वेतनमान लागू करते हुए भी कर चुकी है।
भत्ते देने में लगेगी देरी
जानकार बताते हैं कि राज्य सरकार अपने कर्मचारियों को अगले माह से सातवां वेतनमान दे भी दे, तो भत्तों में वृद्धि करने में छह माह से एक साल लग जाएगा। वे बताते हैं कि केंद्र और राज्य के कर्मचारियों के भत्तों में अंतर रहता है। इसलिए सरकार को कमेटी गठित करना पड़ेगी, जो नए भत्ते या भत्तों में वृद्धि पर सरकार को अपनी रिपोर्ट देगी। इस रिपोर्ट के आधार पर ही सरकार भत्ते बढ़ाएगी। उन्होंने बताया कि केंद्रीय कर्मचारियों की तुलना में राज्य के कर्मचारियों को सिर्फ चिकित्सा, यात्रा, वाहन और गृहभाड़ा भत्ता मिलता है।
प्रदेश के अफसरों से 20 हजार रुपए तक बढ़ा एचआरए
केंद्र सरकार ने एचआरए में 140 फीसदी तक की वृद्धि कर दी है। यानि श्रेणी के हिसाब से कर्मचारी को 50 हजार रुपए तक होम अलाउंस मिलेगा। जबकि प्रदेश में 67 हजार रुपए मासिक वेतन लेने वाले अधिकारी को बी श्रेणी के आवास पर 30 हजार रुपए तक होम अलाउंस दिया जाता है। वहीं चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी को एक हजार रुपए होम अलाउंस मिलता है।
राज्य और केंद्र के एचआरए में अंतर
केंद्र सरकार ने एक्स, वाय और जेड श्रेणी के शहरों में पदस्थ कर्मचारियों के लिए क्रमश: 24, 16 और 8 फीसदी एचआरए देने का निर्णय लिया है। जबकि प्रदेश के कर्मचारियों को आबादी के हिसाब से 10, 7, 5 और 3 फीसदी एचआरए दिया जाता है। पहली श्रेणी 7 लाख से अधिक और अंतिम श्रेणी 50 हजार से अधिक आबादी वाले शहरों-कस्बों पर लागू होती है। ये अलाउंस कर्मचारी के बेसिक वेतन और ग्रेड-पे पर दिया जाता है।
वित्तमंत्री से मिलने पहुंचे कर्मचारी
सातवां वेतनमान नहीं मिलने से नाराज राज्य के कर्मचारी केंद्रीय कर्मचारियों के भत्तों में बढ़ोत्तरी का फैसला सुन गुरुवार को वित्तमंत्री से मिलने पहुंच गए। मप्र अधिकारी-कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति के अध्यक्ष जितेंद्र सिंह वित्त मंत्री जयंत मलैया से मिले हैं। उन्होंने मंत्री से 7वां वेतनमान जल्द देने की मांग की है। वहीं दूसरे कर्मचारी संगठन आंदोलन की रणनीति बना रहे हैं।