नए क्षेत्र मनपा में शामिल होने से बढ़ा खर्च, आमदनी अठन्नी, खर्चा रुपैया

नए क्षेत्र मनपा में शामिल होने से बढ़ा खर्च, आमदनी अठन्नी, खर्चा रुपैया

Anita Peddulwar
Update: 2019-12-13 08:40 GMT
नए क्षेत्र मनपा में शामिल होने से बढ़ा खर्च, आमदनी अठन्नी, खर्चा रुपैया

डिजिटल डेस्क, नागपुर। चालू वित्त वर्ष में आय के विविध स्रोतों से मनपा काे 2797.73 करोड़ रुपए मिलने का लक्ष्य है। आठ महीने में 1303 करोड़, 20 लाख रुपए तिजोरी में जमा हुए हैं। राज्य में सत्ता परिवर्तन होने से सरकार से मिलने वाले अनुदान में कटौती के आसार हैं। ‘आमदनी अठन्नी, खर्चा रुपैया’ जैसी स्थिति हो जाने से मनपा की आर्थिक स्थिति डगमगा गई है। नरसाला, हुड़केश्वर का मनपा क्षेत्र में समावेश किए  जाने से यहां आय के स्रोत कम और खर्च का बोझ बढ़ने से स्थिति और भी खराब हो गई है।

‘सीमा वृद्धि अनुदान’ का झटका
मनपा क्षेत्र में शामिल किए गए गांवों में विकास पर खर्च का बोझ और जेएनयूआरएम स्वर्ण जयंती नगरोत्थान योजना की निधि मिलने से भले ही मनपा की तिजोरी भर जाती है, लेकिन यह अनुदान उसी मद पर खर्च किया जाता है। सीमा वृद्धि अनुदान का सरकार ने वादा किया था। यह वादा नहीं निभाए जाने से मनपा को बड़ा झटका लगा है। ग्रामीण क्षेत्र में जलापूर्ति, मलनि:सारण, पथदीप, रास्ते आदि बुनियादी सुविधाओं पर खर्च का मनपा की तिजाेरी पर बोझ बढ़ता है। ऊपर से ग्रामीण क्षेत्र में सख्ती से वसूली नहीं करने के राज्य सरकार ने आदेश जारी कर मनपा की मुसीबत और बढ़ा दी है।

वर्ष 2019-2020 के बजट में स्थायी समिति सभापति प्रदीप पोहाणे ने 2729.73 करोड़ रुपए आय अपेक्षित मानी है। आठ महीने में 1303 करोड़, 20 लाख रुपए मनपा की तिजोरी में जमा हो पाए हैं। चार महीने में 1426 करोड़ रुपए आने अपेक्षित हैं। आमदनी के मुकाबले खर्च का बोझ अधिक रहने से िवकास कार्यों का सफर तय करना मनपा के सामने बड़ी चुनौती है।

संपत्ति कर और स्थावर संपत्ति में कमी
संपत्ति कर और स्थावर संपत्ति क्षेत्र से मिलने वाली आमदनी मनपा के आय के मुख्य स्रोत माने जाते हैं। चालू वित्त वर्ष में संपत्ति कर और स्थावर संपत्ति से संबंधित विकास नियोजन विभाग से अपेक्षित आय में काफी गिरावट आई है। नागपुर सुधार प्रन्यास ने साढ़े 6 हजार से अधिक फाइल्स नगर रचना विभाग को हस्तांतरित की हैं। बावजूद नगरविकास विभाग की आदमनी में खास वृद्धि नहीं हुई। आर्थिक मंदी की मार से निर्माणकार्य क्षेत्र प्रभावित होने का मनपा की आय पर असर माना जा रहा है। शहर में बड़ी संख्या में इमारतों का निर्माण होकर भी फ्लैट की बिक्री नहीं होने से मनपा की आमदनी पर बुरा असर हुआ है। 

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