मुख्यमंत्री विवाह विक्षिप्त जोड़े की कराई शादी, अब होगी जांच

मुख्यमंत्री विवाह विक्षिप्त जोड़े की कराई शादी, अब होगी जांच

Bhaskar Hindi
Update: 2019-02-22 08:02 GMT
मुख्यमंत्री विवाह विक्षिप्त जोड़े की कराई शादी, अब होगी जांच

डिजिटल डेस्क,शहडोल । सरकारी अमला आंकड़ों की बाजीगरी दिखाने के लिए क्या गुल खिला सकता है इसका उदाहरण यहां देखने मिला है।  मुख्यमंत्री कन्यादान विवाह योजना के तहत आंकड़ा पूरा करने यहां एक विक्षिप्त युवक युवती का विवाह करा दिया गया। जब पोल खुली तो जिम्मेदारों द्वारा यह कहा जा रहा है कि उक्त जोड़े का पंजीयन नहीं हुआ था। अफसरों के पास इस प्रश्न का कोई जबाब नहीं है कि बिना पंजीयन के इस जोड़े का सरकारी आयोजन में विवाह कैसे हो गया । कुल मिलाकर अब  जांच कराने का हवाला देकर कार्रवाई से बचने की कोशिश की जा रही है। सीईओ एस. कृष्ण चैतन्य का कहना है कि विक्षिप्त जोड़े के विवाह संबंधी मामले की जांच की जाएगी।
287 जोड़ों का हुआ था विवाह
इस संबंध में प्राप्त जानकारी के अनुसार जनपद पंचायत बुढ़ार द्वारा आयोजित सामूहिक विवाह के दौरान एक विक्षिप्त जोड़े की शादी कराने का मामला सामने आया है। जिला प्रशासन द्वारा इसकी जांच के आदेश दिए गए हैं। जनपद अंतर्गत केशवाही पंचायत के मरखी माता मंदिर परिसर में 15 फरवरी को 287 जोड़ों का सामूहिक विवाह कराया गया था; जिसमें जमुनिहा टोला के मानसिक रूप से विक्षिप्त युवक-युवती का भी विवाह करा दिया गया। जनपद सीईओ अशोक भारद्वाज के अनुसार मंदिर परिसर में हुए उक्त जोड़े के विवाह का पंजीयन नहीं है। जिला पंचायत सीईओ एस. कृष्ण चैतन्य का कहना है कि विक्षिप्त जोड़े के विवाह संबंधी मामले की जांच की जाएगी।
बजट में होता है गोल माल
इस मामले में जानकारों का कहना है कि सामूहिम विवाह आयोजन में सरकारी अमले में ज्यादा से ज्यादा आंकड़ा दिखाने की हौड़ मची रहती है । इसके दो फायदे हैं एक तो अपनी कार्यकुशलता सिद्ध करने का प्रमाण मिल जाता है दूसरा आंकड़ा ज्यादा होने से बजट भी ज्यादा मिलता है जिससे कमाई के अवसर भी बढ़ जाते हैं ।

 

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