परिवहन मंत्री की सिफारिश- चारा छावनी शुरु करने की बजाय किसानों को सीधी मिले रकम

परिवहन मंत्री की सिफारिश- चारा छावनी शुरु करने की बजाय किसानों को सीधी मिले रकम

Tejinder Singh
Update: 2018-10-22 15:45 GMT
परिवहन मंत्री की सिफारिश- चारा छावनी शुरु करने की बजाय किसानों को सीधी मिले रकम

डिजिटल डेस्क, मुंबई। शिवसेना नेता व प्रदेश के परिवहन मंत्री दिवाकर रावते ने प्रदेश में सूखे की स्थिति के दौरान पशुओं के लिए चारा छावनी शुरू करने के विरोध में हैं। रावते चाहते हैं कि चारा छावनी शुरू करने की बजाय किसानों को चारा खरीदने के लिए सीधे पैसे दिए जाए। रावते ने औरंगाबाद की सूखा प्रभावित तहसीलों का दौरा करने के बाद तैयार की गई रिपोर्ट को मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के पास भेज दी है। जिसमें उन्होंने राज्य में चारा छावनी शुरू न करने, जलसंकट, भूजल स्तर गिरने और मनरेगा के माध्यम से जलसंरक्षण के काम करने सहित अन्य सुझाव दिए हैं।

सोमवार को मंत्रालय में पत्रकारों से बातचीत में रावते ने कहा कि मैंने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि सरकार को चारा छावनी शुरू नहीं करनी चाहिए। मैंने चारा छावनी शुरू करने का विरोध किया है। क्योंकि आघाड़ी सरकार के समय चारा छावनी शुरू करने में हुए भ्रष्टाचार हम सबके सामने हैं। चारा छावनी के बारे में हर बार भ्रष्टाचार की कथाएं सुनने को मिलती हैं। आघाड़ी सरकार में मोटर साइकिल के नंबर वाले वाहन से चारा ढुलाई जैसे घोटाले सामने आए थे। रावते ने कहा कि सरकार के पास किसानों के जानवरों की संख्या का आकड़ा उपलब्ध है। इसके आधार पर सरकार को किसानों को सीधे पैसे देना चाहिए और जानवरों के लिए पानी की व्यवस्था टैंकरों से करनी चाहिए। 

मराठवाड़ा-उत्तर महाराष्ट्र में खरीफ की फसलें चौपट
रावते ने कहा कि सूखे के कारण मराठवाड़ा और उत्तर महाराष्ट्र में खरीफ की फसलें लगभग चौपट हो गई हैं। पश्चिम महाराष्ट्र में तीन से चार तहसीलों में भी सूखे का असर है। इस कारण 15 से 20 प्रतिशत उत्पादन भी मुश्किल है। खानेदश में केला, मराठवाड़ा में मौसंबी और विदर्भ में संतरा के फलबागों का नुकसान हुआ है। सूखे के दौरान पीने के पानी की समस्या गंभीर होगी। नए साल में 15 जनवरी के बाद जलसंकट गहरा सकता है। इसलिए जलापूर्ति के लिए टैंकरों की संख्या बढ़ाना होगा। उन्होंने कहा कि इस साल राहत कि बात यह है कि औरंगाबाद, जालना और उस्मानाबाद में जलसंकट नहीं होगा। क्योंकि जायकवाड़ी और उजनी जलाशय में पानी है।

रावते ने कहा कि हमें उम्मीद है कि मुख्यमंत्री 31 अक्टूबर तक राज्य में सूखे जैसी स्थिति की घोषणा कर देंगे। रावते ने कहा कि शिवसेना पक्ष प्रमुख उद्धव ठाकरे के आदेश पर पार्टी के सभी मंत्री, विधायक और नेता सूखा प्रभावित किसानों की मदद के लिए काम करेंगे। 
 

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