एमपी सरकार की बाबुओं को हिदायत: सांसदों और विधायकों का करें सम्मान

एमपी सरकार की बाबुओं को हिदायत: सांसदों और विधायकों का करें सम्मान

Bhaskar Hindi
Update: 2017-08-20 06:27 GMT
एमपी सरकार की बाबुओं को हिदायत: सांसदों और विधायकों का करें सम्मान

डिजिटल डेस्क,भोपाल। सरकार ने एक बार फिर बाबुओं को हिदायत देते हुए कहा है कि वो सांसदों और विधायकों का सम्मान करें। लगातार मिल रही शिकायतों का ही नतीजा है कि सरकार को 16 साल में 13वीं बार ये हिदायत देनी पड़ी। निर्देशों का उल्लंघन करने पर कार्रवाई की जाएगी।

सामान्य प्रशासन विभाग ने सभी विभाग प्रमुखों, अध्यक्ष राजस्व मंडल, संभागायुक्तों, जिला कलेक्टरों तथा जिला पंचायतों के मुख्य कार्यपालन अधिकारियों को जारी सर्कुलर में कहा गया है कि सांसदों और विधायकों के पत्रों की पावती देने, उनके पत्रों पर कार्रवाई कर निर्धारित अवधि में उसका उत्तर देने, शासकीय अधिकारियों एवं कर्मचारियों से सौहार्दपूर्ण व्यवहार करने, उन्हें सार्वजनिक समारोह/कार्यक्रमों में आमंत्रित करने तथा उनसे प्राप्त पत्रों के लिए अलग रजिस्टर बनाने के संबंध में निर्देश जारी किए गए हैं। 

कड़ाई से पालन करें, वरना होगी अनुशासनात्मक कार्रवाई

राज्य सरकार ने कहा है कि इनका कड़ाई से पालन किया जाए। अगर कोई अधिकारी/कर्मचारी इन निर्देशों की अवहेलना करता है तो उनका यह काम उन पर लागू आचरण या सेवा नियमों के अधीन अवचार समझा जाएगा और संबंधित का निलंबन व उनके खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी। गौरतलब है कि सांसद एवं विधायक आए दिन शिकायत करते हैं कि सरकारी बाबू उनसे उचित व्यवहार नहीं करते हैं। कई बार विधानसभा सत्र में भी यह बात उठी हैं।

एमपी विधानसभा के प्रमुख सचिव एपी सिंह का कहना है कि विधायकों को सरकारी बाबू सम्मान नहीं देते थे तो ये विशेषाधिकार हनन के तहत नहीं आता था, जिसके कारण यह मामला सदन की विशेषाधिकार समिति के पास नहीं जाता था। इसलिए साल 2015 में विधानसभा की सदस्य सुविधा कमेटी के विषयों में विधायकों के सम्मान का मामला भी जोड़ा गया। अब इस कमेटी को विधायक उन्हें समुचित सम्मान एवं शिष्टाचार न मिलने की शिकायत करते हैं तथा कमेटी इस बारे में संसदीय कार्य विभाग एवं सामान्य प्रशासन विभाग से रिपोर्ट प्राप्त करती है। जीएडी ही विधायकों को सम्मान दिए जाने के संबंध में सर्कुलर जारी करता है।

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