संबल योजना में लापरवाही बरतने वाले सतना के 5 सीएमओ को मिला दंड

संबल योजना में लापरवाही बरतने वाले सतना के 5 सीएमओ को मिला दंड

Bhaskar Hindi
Update: 2018-09-11 08:11 GMT
संबल योजना में लापरवाही बरतने वाले सतना के 5 सीएमओ को मिला दंड

डिजिटल डेस्क, सतना। शिवराज सिंह चौहान की मुख्यमंत्री जनकल्याण (संबल) योजना में लापरवाही करने पर जिले के 5 सीएमओ के दो-दो इंक्रीमेंट रोकने के निर्देश दिए गए हैं। ये निर्देश रीवा संभाग के कमिश्नर महेशचन्द्र चौधरी ने दिए हैं। माना जा रहा है कि इन लापरवाह सीएमओ ने सीएम की अतिमहत्वाकांक्षी योजना के क्रियान्वयन में दिलचस्पी नहीं दिखाई जिसके कारण अधिकांश पात्र हितग्राही योजना के लाभ से वंचित रह गए। वेतनवृद्धि रोकने के साथ-साथ कमिश्नर ने सभी लापरवाह सीएमओ को अल्टीमेटम भी दिया है।

योजना के प्रति गंभीर नहीं
सूत्रों का कहना है कि इन अधिकारियों को पात्र असंगठित मजदूरों के कम पंजीयन तथा पंजीकृत मजदूरों को लाभ न देने के कारण लापरवाही बरतने को गंभीर कदाचरण मानकर नोटिस दिया गया है। यह नोटिस मध्यप्रदेश नगर पालिका सेवा कार्यपालन नियम 1973 के तहत दिया गया है। इन सभी मुख्य नगर पालिका अधिकारियों को दस दिन की समय सीमा में नोटिस का उत्तर देने के निर्देश दिये गये हैं। समय सीमा का पालन न करने तथा उत्तर संतोषजनक न होने पर इनके विरूद्ध एक पक्षीय कार्यवाही की जायेगी।

इन सीएमओ को शोकाज  
जिले के जिन 10 सीएमओ को नोटिस जारी की गई है, उसमें मुख्य नगर पालिका अधिकारी नगर परिषद रामपुर बघेलान यशवंत सिंह, मुख्य नगर पालिका अधिकारी नगर परिषद नागौद शैलेन्द्र प्रताप सिंह, मुख्य नगर पालिका अधिकारी नगर परिषद कोठी अजय कुमार गुप्ता, प्रभारी मुख्य नगर पालिका अधिकारी नगर परिषद कोटर अंबिका प्रसाद साह और मुख्य नगर पालिका अधिकारी नगर परिषद अमरपाटन अमर बहादुर सिंह शामिल हैं।

 सहायक श्रमायुक्त की भी लापरवाही
 रीवा संभाग के कमिश्नर महेशचन्द्र चौधरी ने जिले के सहायक श्रमायुक्त डॉ. जीडी द्विवेदी को भी दो वार्षिक वेतन वृद्धियां असंचयी प्रभाव से रोकने का नोटिस दिया है। संबल योजना के तहत पंजीकृत असंगठित मजदूरों को समय पर हितलाभ उपलब्ध न कराने तथा योजना की न्यून प्रगति के कारण यह नोटिस दिया गया है। जारी नोटिस में कहा गया है कि संबल योजना का व्यापक प्रचार-प्रसार न कराने तथा योजना क्रियान्वयन की मानीटरिंग न करने के कारण इसकी उपलब्धि कम है। इसे गंभीर कदाचरण तथा वरिष्ठ अधिकारियों के निर्देशों की अवहेलना मानते हुए नोटिस दिया गया है।

 

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