बैडमिंटन में बाप-बेटे की जोड़ी बेमिशाल, जीता मेडल

बैडमिंटन में बाप-बेटे की जोड़ी बेमिशाल, जीता मेडल

Bhaskar Hindi
Update: 2017-07-05 13:06 GMT
बैडमिंटन में बाप-बेटे की जोड़ी बेमिशाल, जीता मेडल

डिजिटल डेस्क, नागपुर। बैडमिंटन की डिस्ट्रिक्ट चैंपियनशिप में अपने 19 वर्षीय पुत्र विनय के साथ उतरकर अंतरराष्ट्रीय शटलर किरण माकोड़े ने न सिर्फ हतप्रभ किया बल्कि पिता-पुत्र की इस जोड़ी ने युगल का रजत पदक भी हासिल किया।

उपराजधानी के बैडमिंटन जगत में किरण माकोड़े एक जाना-माना नाम है। लगभग 50 वर्ष के किरण (रनिंग 49 वर्ष) की फुर्ती कोर्ट पर किसी युवा से कम नहीं है। एक समय यह जोड़ी चैंपियनशिप कब्जाने की स्थिति में थी, लेकिन दूसरे और तीसरे गेम में प्रतिद्वंद्वी जोड़ी ने श्रेष्ठ प्रदर्शन कर खिताब अपने नाम कर लिया। मैच के उपरांत किरण ने कहा कि बेटे का साथ मेरे लिए सबसे बड़ा खिताब है। आज मुझे जो खुशी मिली है, उसे बयां करना मुश्किल है।

क्रिकेट के मैदान से बैडमिंटन के कोर्ट तक

बचपन में किरण को क्रिकेट खेलना पसंद था। कभी विदर्भ क्रिकेट एसोसिएशन की अंडर-15 टीम के लिए चुने गए किरण को उनके बड़े भाई प्रफुल्ल माकोड़े ने बैडमिंटन का प्रशिक्षण दिया। अगले दो वर्ष में उन्होंने एक ही स्पर्धा के अंडर-15, अंडर-19 और ओपन वर्ग में जीत दर्ज करते हुए ट्रिपल क्राउन जीतने का गौरव हासिल किया। इसके बाद उन्होंने ऑल इंडिया वर्सिटी में रजत पदक जीता। ऑल इंडिया वर्सिटी की जूनियर टीम के कप्तान रहे। वर्ष 1990 में एलआईसी ज्वाइन करने के बाद उन्होंने करीब 15 बार वेस्ट जोन चैंपियनशिप जीती। दो मर्तबा टीम चैंपियनशिप का गोल्ड अपने नाम किया।

वर्ल्ड वेटरन्स चैंपियनशिप से पदक की उम्मीद

वर्ष 2009 में स्पेन, 2013 में तुर्की और 2015 में स्वीडन मंे हुई वर्ल्ड वेटरन्स बैडमिंटन चैंपियनशिप में हिस्सा ले चुके किरण अगले सितंबर को कोचिन में होने वाली वर्ल्ड वेटरन्स चैंपियनशिप से पदक की उम्मीद है। उक्त स्पर्धा के 45 से अधिक आयु वर्ग के मिश्रित युगल और एकल में किरण चुनौती पेश करेंगे।

बैडमिंटन के लेवल वन कोच

किरण इस समय लेवल वन कोच हैं और भारतीय बैडमिंटन फेडरेशन के जूनियर कोच पैनल के सदस्य भी हैं। पिछले वर्ष दुबई में हुई वर्ल्ड सुपर सीरिज कोचेस फोरम में हिस्सा ले चुके किरण के मार्गदर्शन में मालविका बंसोड़, वैष्णवी भाले, राशि लांबे और वैभव बिसने जैसे खिलाड़ियों ने सफलता हासिल की है। वैभव ने इंडोनेशियाई ओपन में सोना जीता, वहीं वैष्णवी वर्ल्ड वर्सिटी बैडमिंटन स्पर्धा में देश का प्रतिनिधित्व कर चुकी है। मालिवका इस समय इंडिया की रेटेड खिलाड़ी है।

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