बाघिन अवनी मौत की जांच के लिए यवतमाल पहुंचा जांच दल, शिवसेना ने वनमंत्री को घेरा

बाघिन अवनी मौत की जांच के लिए यवतमाल पहुंचा जांच दल, शिवसेना ने वनमंत्री को घेरा

Tejinder Singh
Update: 2018-11-13 16:24 GMT
बाघिन अवनी मौत की जांच के लिए यवतमाल पहुंचा जांच दल, शिवसेना ने वनमंत्री को घेरा

डिजिटल डेस्क, यवतमाल। बाघिन टी-1 (अवनी) की मौत को लेकर वन्य प्रेमियों की शिकायत के बाद सरकार ने उच्च स्तरीय जांच समिति गठित की है। जो मंगलवार को जिले में दाखिल हुई। दल ने घटना की बारीकी से जांच शुरू कर दी। प्रधान मुख्यवन संरक्षक यु.के. अग्रवाल की अध्यक्षता में समिति गठित की गई है। जांच दल के प्रमुख प्रधान वन संरक्षक उत्पादन और प्रबंधन डॉ. एस.एच. पाटील है। साथ ही वन्यजीव संरक्षण ट्रस्ट मुंबई के अध्यक्ष डॉ. अविनाश अंधेरिया, अतिरिक्त प्रधान मुख्य वनसंरक्षक नितीन काकोलकर समिति में शामिल हैं। सभी तीन अधिकारी पांढरकवड़ा उपवनसंरक्षक कार्यालय पहुंचे। वन अधिकारियों के साथ बैठक ली। समिति अपनी जांच रिपोर्ट 22 नवंबर तक सरकार को पेश करेगी, समिति के पास अभी 9 दिनों का समय है। 

रिटायर जज करें अवनी मौत मामले की जांच

उधर मुंबई में शिवसेना के मंत्रियों ने राज्य मंत्रिमंडल की बैठक में प्रदेश के वनमंत्री सुधीर मुनगंटीवार को घेरने की कोशिश की। मंगलवार को राज्य मंत्रिमंडल की बैठक में शिवसेना की तरफ से प्रदेश के पर्यावरण मंत्री रामदास कदम ने कहा कि अवनी मौत मामले की जांच सेवानिवृत्त जज के माध्यम से कराई जानी चाहिए। हाल ही में शिवसेना पक्ष प्रमुख उद्धव ठाकरे ने भी यही मांग की थी। कदम ने कहा कि अवनी के दो बच्चे भी नहीं मिल रहे हैं। इसका मतलब है कि उन्हें भोजन नहीं मिल रहा है। कदम ने कहा कि अवनी की हत्या मामले की जांच के लिए सरकार की तरफ से बनाई गई समिति में जिनको शामिल किया गया है, वही लोग अवनी की हत्या के फैसले में शामिल थे। इसलिए मामले की जांच सेवानिवृत्त जज के माध्यम से कराई जानी चाहिए। 

दूसरी ओर वनमंत्री मुनगंटीवार ने कहा कि राज्य मंत्रिमंडल की बैठक में मैं थोड़ी देरी से पहुंचा था। मैं मंत्रिमंडल की बैठक में लगभग 50 मिनट तक मौजूद था। मेरे सामने शिवसेना के किसी मंत्री ने अवनी का मुद्दा नहीं उठाया। मुनगंटीवार ने कहा कि मैंने मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस को पत्र लिखकर कहा है कि अवनी मामले की जांच पांच सुप्रीम कोर्ट के जजों से कराए। मुझे लगता है कि सुप्रीम कोर्ट के जजों से जांच कराना ज्यादा उचित होगा। मुनगंटीवार ने कहा कि सरकार ने जो जांच समिति बनाई है। जिसमें अवनी के शिकार के बारे में फैसला लेने वाले अधिकारियों को शामिल नहीं किया गया है। दूसरी ओर पत्रकारों से बातचीत में शिवसेना के मंत्री सुभाष देसाई ने कहा कि हमने अवनी के मामले में मुख्यमंत्री के सामने अपनी मांगों को रखा है। भाजपा नेता व केंद्रीय मंत्री मेनका गांधी द्वारा मुनगंटीवार का इस्तीफे मांगे जाने के सवाल देसाई ने कहा कि कौन किससे इस्तीफा मांग रहा है। इससे हमें मतलब नहीं है। हमे केवल समस्या का समाधान चाहिए। 

चंद्रपुर में शराब पाबंदी का फैसला रद्द हो- शिवसेना

बाघिन अवनी शिकार मामले के बाद से प्रदेश के वित्त व वन मंत्री मुनगंटीवार शिवसेना के निशाने पर हैं। मंगलवार को राज्य मंत्रिमंडल की बैठक में शिवसेना के मंत्रियों ने चंद्रपुर में लागू शराब पाबंदी के फैसले को रद्द करने की मांग की। शिवसेना के मंत्रियों ने दावा किया कि चंद्रपुर में शराब पाबंदी विफल साबित हुई है। शिवसेना के नेता व प्रदेश के उद्योग मंत्री सुभाष देसाई ने कहा कि चंद्रपुर में शराब पाबंदी का फैसला लागू होने के बाद से अवैध शराब बिक्री जोरों से शुरू है। शराब तस्करी का विरोध करने वाले पुलिस उप निरीक्षक छत्रपति चिड़े को कूचलकर मार दिया गया। इसलिए शराब पाबंदी के फैसले को वापस लेना चाहिए। पत्रकारों से बातचीत देसाई ने कहा कि बीते चार साल में सरकार ने केवल चंद्रपुर में शराब पाबंदी का फैसला किया। लेकिन चंद्रपुर में शराब पाबंदी विफल साबित हुई है।

जिले में शराब माफियाओं का बोलबाला है और आपराधिक घटनाएं बढ़ रही हैं। इसलिए सरकार को यह फैसला वापस करना चाहिए। देसाई ने कहा कि वर्धा जिले में भी शराब पर पाबंदी है। लेकिन वह जिला महात्मा गांधी और विनोबा भावे के नाम से जुड़ा है। एक सवाल के जवाब में देसाई ने कहा कि चंद्रपुर भाजपा के मंत्री मुनगंटीवार का गृह जिला है। लेकिन हमारा इरादा उनको निशाना बनाने का नहीं है। हम केवल सच्चाई को सामने रख रहे हैं। राज्य सरकार ने 1 अप्रैल 2015 से चंद्रपुर में शराब पर पाबंदी का फैसला लागू किया था। 


 

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