कोरोना की तीसरी लहर के संभावित खतरे से बचना जरूरी , बच्चों को सुरक्षित रखना बड़ी जिम्मेदारी

कोरोना की तीसरी लहर के संभावित खतरे से बचना जरूरी , बच्चों को सुरक्षित रखना बड़ी जिम्मेदारी

Anita Peddulwar
Update: 2021-05-12 10:47 GMT
कोरोना की तीसरी लहर के संभावित खतरे से बचना जरूरी , बच्चों को सुरक्षित रखना बड़ी जिम्मेदारी

डिजिटल डेस्क, नागपुर  । कोरोना की तीसरी लहर के संभावित खतरे से बचना जरूरी है। इस लहर से छोटे बच्चों को सुरक्षित रखना सबसे बड़ी जिम्मेदारी है। फिलहाल छोटे बच्चों का वैक्सीनेशन हो पाना संभव नहीं है। इसलिए बच्चों के खानपान पर विशेष ध्यान देना जरूरी है। यह कहना है मेडिकल के स्वास्थ्य अधीक्षक डॉ. अविनाश गावंडे का। उन्होंने बताया कि छोटे बच्चों में बुखार, सर्दी, खांसी, उल्टी, पेट दर्द, सिर दर्द आदि लक्षण हमेशा दिखाई देते हैं। इसलिए उन्हें कोरोना होने का भ्रम पैदा हो सकता है। ऐसे लक्षण दिखने पर पालक घबराए नहीं, बल्कि तुरंत बालरोग विशेषज्ञों से संपर्क करें। डॉक्टर द्वारा जांच के लिए बुलाने पर जाना चाहिए या वीडियो कॉल कर समस्या से अवगत करा देना चाहिए।

घातक हो सकती है तीसरी लहर
डॉ. गावंडे ने कहा कि डॉक्टर द्वारा जांच के बाद कोरोना के लक्षण होने की आशंका व्यक्त की जा सकती है। डॉक्टर की सलाह के अनुसार तुरंत कोरोना टेस्ट कराना चाहिए। बच्चों को घर से बाहर नहीं जाने देना चाहिए, अन्यथा अन्य बच्चों के लिए खतरा हो सकता है। कोरोना की दूसरी लहर में एक प्रतिशत बच्चों को संक्रमण होने का अनुमान है, लेकिन तीसरी लहर में यह प्रमाण बढ़ सकता है। इसलिए पालकों को बच्चों की रोगप्रतिरोधक शक्ति बढ़ाने पर विशेष ध्यान देना चाहिए। बच्चों को 10 घंटे तक सोने देना चाहिए। उन्हें पौष्टिक आहार देना जरूरी है। इसके साथ ही नियमित व्यायाम करने की आदत भी डालें।

बच्चों की आदतों में सुधार की जरूरत
डॉ. गावंडे ने कहा कि बच्चों की कुछ आदतें मुश्किलें पैदा कर सकती हैं। इसलिए उन्हें इन बातों के बारे में समझाना जरूरी है। बच्चों को हाथ धोने की आदत लगानी चाहिए। उन्हें बार-बार साबुन से हाथ धोने को कहें। सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करना सिखाना जरूरी है। वर्तमान हालात को देखते हुए बच्चों को बाहर लेकर नहीं जाना चाहिए। बच्चों को अधिकाधिक समय देना चाहिए। एेसा बर्ताव नहीं करना चाहिए बच्चों पर नकारात्मक संस्कार हो। 

 

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