विकलांग छात्रों को मोबाइल फोन देना संभव नहीं

विकलांग छात्रों को मोबाइल फोन देना संभव नहीं

Anita Peddulwar
Update: 2021-01-15 05:29 GMT
विकलांग छात्रों को मोबाइल फोन देना संभव नहीं

डिजिटल डेस्क, मुंबई।   राज्य के सामाजिक न्याय व विशेष सहकार्य विभाग ने बांबे हाईकोर्ट को सूचित किया है कि दिव्यांग विद्यार्थियों को पढाई के लिए मोबाइल फोन देने के सुझाव पर विचार कर पाना संभव नहीं है। विभाग ने यह  जवाब कोरोना संकट के बीच दिव्यांग व विशेष विद्यार्थियों को पढाई की पर्याप्त व्यवस्था करने का निर्देश देने की मांग को लेकर दायर जनहित याचिका के जवाब में हलफनामा दायर कर दिया है। ‘अनम प्रेम’ नामक गैर सरकारी संस्था ने इस बारे में जनहित याचिका दायर की है।  पिछली सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता की ओर से पैरवी कर रहे अधिवक्ता उदय वारुंजेकर ने सुझाव स्वरुप कहा था कि  दिव्यांग विद्यार्थियों को पढाई के लिए मोबाईल फोन उपलब्ध कराया जाए। इससे उनकी समस्या का काफी हद तक समाधान हो जाएगा। उन्होंने कहा था कि मुंबई महानगरपालिका ने विद्यार्थियों को पढाई के लिए टैब उपलब्ध कराया है। इसी तरह दिव्यांग विद्यार्थियों के लिए भी इंतजाम किया जाए। राज्यभर में दिव्यांग व विशेष बच्चों की कुल 963 स्कूल है।

दिव्यांगों की पढाई के सिलसिले में दिए गए कई सुझावों के जवाब में सामाजिक न्याय विभाग के संयुक्त सचिव ने कहा है कि मोबाईल फोन उपलब्ध कराने का मामला सरकारी खजाने व वित्तीय पहलू से जुड़ा है। इसलिए मोबाइल फोन उपलब्ध कराने के सुझाव पर विचार कर पाना संभव नहीं है। लेकिन विभाग बिजली व इंटरनेट की उपलब्धता के हिसाब से विद्यार्थियों की पढाई के लिए निर्देश जारी करेगा। सामाजिक न्याय विभाग इस दिशा में कंपनियों से कार्पोरेट सामाजिक जिम्मेदारी (सीएसआर) के तहत विद्यार्थियों की पढाई से जुड़ी गतिविधियों में शामिल होने की अपील करेगा। यू ट्यूब, रेडियों चैनल व टीवी के माध्यम से भी बच्चों को शैक्षणिक सामग्री उपलब्ध कराने की दिशा में भी कदम बढाए जाएगे। हलफनामे के मुताबिक शिक्षकों को पढाई के लिए टेलिफोन व जरुरत पड़ने पर विद्यार्थियों के घर जाने के लिए भी कहा गया है। फिलहाल बच्चों को कोचिंग दे पाना संभव नहीं है। क्योंकि सारे बच्चे एक ही परिसर के नहीं है। हाईकोर्ट ने इस याचिका पर सुनवाई बुधवार को रखी है।

 

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