साधुओं की हत्या में सांप्रदायिक रंग देना ठीक नहीं : उद्धव ठाकरे

साधुओं की हत्या में सांप्रदायिक रंग देना ठीक नहीं : उद्धव ठाकरे

Anita Peddulwar
Update: 2020-04-20 11:47 GMT
साधुओं की हत्या में सांप्रदायिक रंग देना ठीक नहीं : उद्धव ठाकरे

  डिजिटल डेस्क,  नागपुर। पालघर जिले में भीड़ द्वारा दो साधुओं व उनके ड्राइवर की हुई निर्मम हत्या के मामले में देश भर में बवाल मचने के बाद मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने सफाई दी है। मुख्यमंत्री ने कहा कि साधुओं की हत्या को सांप्रदायिकऔर हिंदू-मुस्लिम का रंग न दिया जाए। साधुओं की हत्या में कोई धार्मिक कारण नहीं है। गलत-फहमी के कारण साधुओं की हत्या हुई है। यह घटना बेहद दुखद है। राज्य में मॉब लिंचिंग को सहन नहीं किया जाएगा। सरकार हत्या करने वाले आरोपियों को नहीं बख्शेगी।

सीआईडी को सौंपी जांच, दो पुलिस कर्मी सस्पेंड
सोमवार को मुख्यमंत्री ने सोशल मीडिया के माध्यम से राज्य की जनता को संबोधित किया। मुख्यमंत्री ने कहा कि इस घटना की जांच सीआईडी क्राइम के महानिदेशक अतुल कुलकर्णी करेंगे। इस मामले में दो पुलिस कर्मियों को निलंबित कर दिया गया है। इस प्रकरण में 100 से अधिक आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया गया है।घटना को अंजाम देने वाले 5 मुख्य आरोपी भी जेल में हैं। इसमें 9 नाबालिग हैं जिनको सुधारगृह में भेज दिया गया है। इसके अलावा कुछ फरार लोगों को खोजने का काम शुरू है। मुख्यमंत्री ने कहा कि इस घटना को लेकर कुछ लोग आग लगाने की कोशिश कर रहे हैं। लेकिन इसका किसी धर्म से कोई संबध नहीं है।सरकार किसी को नहीं छोड़ेगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि पूछा जा रहा है कि सरकार और पुलिस चुप क्यों बैठी है। मैं उन लोगों से कहना चाहता हूं कि सरकार चुप नहीं बैठी है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि पालघर से 110 किमी दूर दुर्गम इलाके गडचिंचली गांव में 16 अप्रैल को घटना हुई है। दोनों साधुओं को गुजरात जाना था। लेकिन इन्हें दादरा नगर हवेली में रोक दिया गया। दादरा नगर हवेली से वापस लौटते समय पालघर के गडचिंचली गांव में दोनों साधुओं और उनके एक ड्राइवर की हत्या कर दी गई। गडचिंचली गांव के आसपास इलाकों में पिछले कुछ दिनों से यह अफवाह फैली है कि वहां पर चोर घूम रहे हैं। इस गलतफहमी का शिकार साधु हो गए। मुख्यमंत्री ने कहा कि अगर साधुओं को दादरा नगर हवेली की सीमा पर रात भर रोककर सुबह उन लोगों को महाराष्ट्र सरकार से पूछताछ करके राज्य के हवाले किया गया होता तो साधुओं पर यह नौबत नहीं आती। 

फडणवीस को दिया जवाब 
मुख्यमंत्री ने विधानसभा में विपक्ष के नेता देवेंद्र फडणवीस को पिछले पांच साल की घटनाओं की याद दिलाते हुए कहा कि पिछले पांच सालों में धुलिया और चंद्रपुर में मॉब लिंचिंग की घटनाएं हुई लेकिन मैं उसके कारणों में नहीं जाऊंगा। 

अमित शाह को दी जानकारी 
मुख्यमंत्री ने कहा कि इस मामले को लेकर मेरी केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से बात हुई है। उन्होंने मुझे फोन किया था। मैंने उन्हें घटना की सभी जानकारी दी है। मुख्यमंत्री ने कहा कि शाह को पता है कि इस इलाके की क्या स्थति है। इसलिए उन्होंने मुझसे कहा कि मुझे पता है कि यहां पर ऐसी कोई बात नहीं हुई है। केवल आप ध्यान दीजिए। मैंने उनसे कहा कि ध्यान दिया जा रहा है। मुख्यमंत्री ने कहा कि रविवार को उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भी मुझे फोन किया था। 

मुख्यमंत्री ने दी चेतावनी 
मुख्यमंत्री ने कहा कि उद्योगों को शुरू करने के लिए सोमवार से लॉकडाउन में थोड़ी शिथिलता दी गई है। लेकिन राज्य में कई जगहों पर भीड़ देखी जा रही है। इसलिए अगर सोशल डिस्टेंसिंग का पालन नहीं हुआ तो फिर से पाबंदी और सख्त करनी पड़ेगी। इसके बाद अगले कुछ दिनों के लिए दोबारा पाबंदी लगानी होगी।


 

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