जीवनदायी योजना : 6870 लोगों ने आवेदन किया, 1224 को ही मिला इलाज

जीवनदायी योजना : 6870 लोगों ने आवेदन किया, 1224 को ही मिला इलाज

Anita Peddulwar
Update: 2021-07-24 13:09 GMT
जीवनदायी योजना : 6870 लोगों ने आवेदन किया, 1224 को ही मिला इलाज

डिजिटल डेस्क, नागपुर। महात्मा ज्योतिबा फुले जीवनदायी योजना के तहत नागपुर में 38 सार्वजनिक और निजी अस्पताल हैं, जिनमें से 17 अस्पतालों को कोविड-19 जीवनदायी योजना के अंतर्गत 1 अप्रैल 2020 से 4 जून 2021 के बीच महानगर पालिका द्वारा इलाज के लिए तय किया गया था। जीवनदायी योजना के तहत प्रत्येक अस्पताल में 25% बेड आरक्षित हैं। महानगरपालिका  के आंकड़ों के अनुसार जीवनदायी योजना के तहत 17 अस्पतालों में 7,897 बेड उपलब्ध थे। इनमें से 25 फीसदी बेड गरीब और जरूरतमंद मरीजों के लिए आरक्षित थे, लेकिन आरटीआई के आंकड़ों के मुताबिक 1 अप्रैल 2020 से 4 जून 2021 तक सिर्फ 1,224 मरीजों को योजना का फायदा मिला। हालांकि इस अवधि में नागपुर में कोरोना मरीजों की संख्या करीब 4 लाख थी। इसमें से गरीब और जरूरतमंद मरीजों की संख्या 1 लाख थी। शहर में 6,870 मरीजों ने योजना के लाभ के लिए फॉर्म भरे थे, जिनमें से केवल 1,224 मरीजों का ही इलाज हुआ। शेष 5,646 मरीजों के आवेदन खारिज कर दिए गए।


जानबूझ कर किया गया लाभ से वंचित
गरीब और जरूरतमंद मरीजों को मुफ्त और रियायती इलाज मुहैया कराने के लिए जीवनदायी योजना शुरू की गई है। गरीब और जरूरतमंद मरीजों को योजना का लाभ प्रदान करने के लिए योजना के डॉक्टरों की भी नियुक्ति की जाती है। आम जनता को इसकी जानकारी दिए बिना जानबूझ कर लाभ से वंचित कर दिया गया। नतीजतन कई लोगों को अपने घर और गहने गिरवी रखकर कर्ज लेकर अपने परिजनों का इलाज करना पड़ा। इसके लिए सरकार-प्रशासन के साथ-साथ योजना के तहत आने वाले अस्पताल भी जिम्मेदार हैं।

आकंड़ों में भी गड़बड़ी : आवेदन 1 और लाभ मिला 71 को
योजना के तहत 4 सरकारी अस्पतालों में कुल 1,074 मरीज योजना से लाभान्वित हुए, जबकि 13 निजी अस्पतालों से लाभान्वित होने वाले मरीजो की संख्या केवल 150 की है। इससे पता चलता है कि निजी अस्पतालों में इस योजना को प्रभावी ढंग से लागू नहीं किया गया। कई अस्पतालों में तो फाॅर्म भरने वालों की संख्या से लाभ लेने वाले अधिक मिले हैं। इससे पता चलता है कि योजना के आंकड़ों में कितनी गड़बड़ी है। मेडिकल कॉलेज अस्पताल में फाॅर्म भरने वाले 116 थे, जबकि लाभ लेने वाले 352 हैं। इसी तरह मेयो में 11 लोगों के आवेदन थे, जबकि लाभ 182 को मिला। लता मंगेशकर अस्पताल नागपुर में आवेदन 3 थे और लाभार्थी 66। शालिनीताई मेघे हॉस्पिटल एंड रिसर्च सेंटर में अावेदन सिर्फ 1 ने किया और लाभार्थी 71 थे। विशेषज्ञों द्वारा तीसरी लहर आने की संभावना जताई जा रही है। ऐसे में निजी अस्पतालों में गरीब व जरूरतमंद लोगों के लिए 25 प्रतिशत बेड अनिवार्य किया जाए, ताकि उनका मुफ्त में इलाज हो सकें।  -आशीष फुलझेले, सदस्य, मानव अधिकार संरक्षण मं

1 अप्रैल 2020 से 4 जून 2021 तक कोरोना मरीजों का इलाज
हॉस्पिटल का नाम    फॉर्म भरने वालों की संख्या  मिला लाभ
एम्स हॉस्पिटल मिहान      1,436                        537          
सिटी हॉस्पिटल                3,048                         05                                     
सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल  1,382                         03
मेडिकल कॉलेज अस्पताल     116                      (352)
आइकॉन अस्पताल               833                        01
मेयो अस्पताल                       11                     (182)
किमया मल्टीस्पेशलिटी हॉस्पिटल  15                  00
लता मंगेशकर हॉस्पिटल               03                  02
लता मंगेशकर हॉस्पिटल नागपुर    03                 (66)
लाइफ लाइन मल्टीस्पेशलिटी हॉस्पिटल   01           00
माया हॉस्पिटल एंड रिसर्च इंस्टीट्यूट बूटीबोरी    01   00
माेगरे चिल्ड्रन्स हॉस्पिटल                     01             01
एसडीएच 50 रामटेक                           14              00
शालिनीताई मेघे हॉस्पिटल एंड रिसर्च सेंटर    01        (71)
श्री भवानी मल्टीस्पेशलिटी हॉस्पिटल एंड रिसर्च सेंटर    01    00
श्योरटेक हॉस्पिटल एंड रिसर्च सेंटर लिमिटेड               03    03
वेलट्रीट मल्टीस्पेशलिटी हॉस्पिटल प्राइवेट लिमिटेड     01    01
                       कुल                                       6,870    1,224
 

Tags:    

Similar News