जे पी नड्ढा बोले- शिवसेना ने व्यक्तिगत स्वार्थों के लिए महायुति तोड़ी, भाजपा अकेले लड़ेगी आगामी चुनाव 

जे पी नड्ढा बोले- शिवसेना ने व्यक्तिगत स्वार्थों के लिए महायुति तोड़ी, भाजपा अकेले लड़ेगी आगामी चुनाव 

Bhaskar Hindi
Update: 2020-02-16 16:20 GMT
जे पी नड्ढा बोले- शिवसेना ने व्यक्तिगत स्वार्थों के लिए महायुति तोड़ी, भाजपा अकेले लड़ेगी आगामी चुनाव 

डिजिटल डेस्क, मुंबई। भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जे पी नड्ढा ने कहा कि महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव बाद शिवसेना ने जनादेश का अपमान करके व्यक्तिगत स्वार्थों के लिए महायुति को तोड़ा है। भाजपा अब प्रदेश में आगामी चुनाव अकेले लड़ेगी। उन्होंने कहा कि शिवसेना ने राकांपा और कांग्रेस के साथ अवास्तविक और अप्राकृतिक गठबंधन किया है। रविवार को नड्ढा ने नई मुंबई के नेरूल में प्रदेश भाजपा के राज्य परिषद अधिवेशन में मार्गदर्शन किया। नड्डा ने पार्टी के पदाधिकारियों से कहा कि भगवान ने यह मौका इसलिए दिया है कि आगे चलकर भाजपा को किसी से युति नहीं करनी पड़ी। 

भगवान परीक्षा उसी कि लेता है जिसमें दम होता है। भगवान उनकी परीक्षा नहीं लेते जो छुई मुई होते हैं और तुरंत डर जाते हैं। हमें सभी दल बनाम भाजपा की तैयारी के लिए काम करना चाहिए। मुझे विश्वास है कि महाराष्ट्र अगला विधानसभा चुनाव भाजपा के लिए एकतरफा होगा। नड्ढा ने कहा कि अप्राकृतिक गठबंधन से महाराष्ट्र की जनता को नई-नई चीजें देखने को मिलेंगी। आने वाले दिनों में वीर सावकर पर टिप्पणी होंगी। छत्रपति शिवाजी महाराज का अपमान होगा। अप्राकृतिक गठबंधन में इस तरह की चीजें स्वभाविक होंगी। लेकिन राजा (मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे) मूकदर्शक बन रहेंगे। 

नड्डा ने कहा कि भाजपा को प्रदेश में रचनात्मक भूमिका निभानी चाहिए। पार्टी के कार्यकर्ताओं को बूथ से लेकर विधानसभा तक सच्चाई से विपक्ष की भूमिका अदा करनी चाहिए। पार्टी के कार्यकर्ताओं को क्षण-क्षण में खुश होना और क्षण भर में दुखी होने वाली आदत से निकलना चाहिए। नड्डा ने कहा कि महाविकास आघाडी सरकार में विकास कामों में रुकावट आई है। नड्डा ने कहा कि राजनीति का शाश्वत नियम है कि सही हमेशा सही होता है और गलत हमेशा गलत होता है। गलत कभी सही नहीं हो सकता और सही कभी गलत नहीं हो सकता। भाजपा सही रास्ते पर हैं। इसलिए हमें सफलता जरूर मिलेगी। 

इसी बीच नड्डा ने कहा कि सीएए पर कांग्रेस वोट बैंक की राजनीति कर रही है। मैंने विपक्ष के नेताओं से कई बार पूछा कि सीएए से उन्हें दिक्कत क्या है लेकिन कोई जवाब नहीं दे पाया। कांग्रेस को केवल वोट बैंक की राजनीति के लिए इसका विरोध करना है।

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