कलमगांव गौवंश तस्करी का मुख्य केंद्र बना

पुलिस अब भी कुंभकर्णी नींद में कलमगांव गौवंश तस्करी का मुख्य केंद्र बना

Anita Peddulwar
Update: 2021-10-20 08:57 GMT
कलमगांव गौवंश तस्करी का मुख्य केंद्र बना

डिजिटल डेस्क,देसाईगंज (गड़चिरोली)। सरकार द्वारा गौवंश तस्करी और गाैवंश की हत्या पर प्रतिबंध लगाया गया है। वहीं गड़चिरोली जिले के देसाईगंज तहसील में खुलेआम गौवंश की तस्करी शुरू है। इन दिनों तहसील का कलमगांव गौवंश तस्करी का मुख्य केंद्र बना हुआ है।  विशेष मौकों पर यहां से दर्जनों की संख्या में गौवंश की तस्करी की जाती है। लेकिन इस तस्करी को रोकने स्थानीय पुलिस ने किसी तरह की कार्रवाई न करने से आश्चर्य व्यक्त किया जा रहा है।
उल्लेखनीय है कि, तहसील मुख्यालय से 12 किमी दूर कलमगांव में नाममात्र 3 घरों की बस्ती है। घने जंगलों से घिरे इस गांव में पिछले अनेक दिनों से खुलेआम गौवंश की तस्करी की जा रही है।

सूत्रों के अनुसार देर रात यहां प्रति दिन मवेशी बिक्री का बाजार भी लगाया जाता है। यहां से समीपस्थ चंद्रपुर और तेलंगाना राज्य में गौवंश की तस्करी की जाती है। इस कार्य के लिए यहां सक्रिय व्यापारियों द्वारा एजंट को भी नियुक्त किया गया है। इन एजंट के माध्यम से गांव के लोगों की सहायता से तस्करी को अंजाम दिया जाता है। इस कार्य के लिए ग्रामीणों को मजदूरी भी दी जाती है। छत्तीसगढ़ अथवा पड़ोसी क्षेत्र से बड़े ट्रकों की मदद से यहां मवेशियों को लाया जाता है, जिसके बाद कलमगांव के इस बाजार में मवेशियों की िबक्री कर इसे तेलंगाना, चंद्रपुर, अकोला और अन्य स्थानों पर पहुंचाया जाता है। यह तस्करी विगत अनेक दिनों से यहां खुलेआम शुरू है। बावजूद इसके स्थानीय पुलिस द्वारा इस पर प्रतिबंध लगाने अब तक इसी तरह की कार्रवाई नहीं की है। हिंदू धर्म में गौवंश को माता का दर्जा दिया गया है। मात्र कलमगांव में गौवंश की तस्करी कर मानवता को शर्मशार करने का प्रयास हो रहा है। इस पर तत्काल प्रतिबंध लगाने की आवश्यकता महसूस हो रही है।

 

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