दर्जनभर जान ले चुके नरभक्षी बाघ को रेस्क्यू करेगी कान्हा पेंच की टीम, दो हाथी और दल रवाना
दर्जनभर जान ले चुके नरभक्षी बाघ को रेस्क्यू करेगी कान्हा पेंच की टीम, दो हाथी और दल रवाना
डिजिटल डेस्क, मंडला। पंधारवाड़ा वन मंडल यवतमाल महाराष्ट्र में नरभक्षी बाघ से पूरा इलाका खौफजदा है। यहां आदमखोर एक दर्जन से अधिक जान ले चुका है। बाघ के रेस्क्यू के सारे प्रयास विफल हो गये है। जिसके बाद महाराष्ट्र प्रधान वनसंरक्षक ने मध्यप्रदेश से मदद मांगी है। अब कान्हा और पेंच नेशनल पार्क का स्कावाड बाघ का रेस्क्यू करेगा। इसके लिए दो हाथियों के साथ दल रवाना हो गया है।
जानकारी के मुताबिक महाराष्ट्र के यवतमाल जिले में नरभक्षी बाघ दहशत का पर्याय बन चुका है। यहां आदमखोर बाघ के कारण पंधारवाड़ा वन मंडल के आसपास बसे गांव में ग्रामीण जंगल की तरफ नहीं जा रहे है। यहां तनाव का माहौल है। बाघ 14 लोगो को शिकार बना चुका है। बाघ का पकडऩा मुश्किल हो रहा है। नरभक्षी बाघ को रोका नहीं जा सका है। अब प्रधान वनसंरक्षक नागपुर महाराष्ट्र ने मध्यप्रदेश मुख्य वनसंरक्षक से प्रशिक्षत हाथी और रेस्क्यू स्क्वाड की मांग की है। नरभक्षी बाघ के रेस्क्यू के लिए दो हाथी और चाराकटर कान्हा नेशनल पार्क से रवाना कर दिये गये है। कान्हा नेशनल पार्क से वन्यप्राणी चिकित्सक डॉ संदीप अग्रवाल और पेंच पार्क से डॉ अखिलेश मिश्रा नरभक्षी बाघ का रेस्क्यू करेगे।
एक सप्ताह चलेगा रेस्क्यू
कान्हा नेशनल पार्क और पेंच का स्क्वाड एक सप्ताह तक बाघ का रेस्क्यू का प्रयास करेगा। दल 12 सितंबर से अभियान चालू करेगा। बाघ पर कैमराट्रेम से निगरानी वनविभाग पहले से कर रहा है। कान्हा के प्रशिक्षण हाथियों के बलबूते पर दल रेस्क्यू करेगा। कान्हा नेशनल पार्क में पहले भी बाघों का दूसरे पार्क में शिफ्ट करने के लिए कैप्चर किये गये है। जिसके चलते महाराष्ट्र सरकार ने इस टीम पर भरोसा जताया है।
इनका कहना है
महाराष्ट्र सरकार ने नरभक्षी बाघ के रेस्क्यू के लिए मध्यप्रदेश सरकार से प्रशिक्षत हाथी और दल मांगा है। कान्हा से दो हाथी और दल भेजा गया है। करीब 10 दिन रहकर बाघ का रेस्क्यू करेंगे।
एल कृष्णमूर्ति, डायरेक्टर कान्हा