करिश्मा की खेती कर आदिवासियों ने बदली तकदीर, जानिए कैसे फायदेमंद है ये फसल

करिश्मा की खेती कर आदिवासियों ने बदली तकदीर, जानिए कैसे फायदेमंद है ये फसल

Bhaskar Hindi
Update: 2018-09-23 11:59 GMT
करिश्मा की खेती कर आदिवासियों ने बदली तकदीर, जानिए कैसे फायदेमंद है ये फसल

डिजिटल डेस्क, गड़चिरोली। गड़चिरोली के खेतों में इन दिनों करिश्मा लहलहा रही है। यहां के किसानों नई तकनीक से सचमुच क्रांति ला दी है। आम तौर पर आदिवासी पारंपारिक पध्दति से खेती पर विश्सास करते हैं, लेकिन  इस वर्ष तहसील के आदिवासी किसान नई तकनीक अपनाते हुए अनोखी खेती करते दिखाई दे रहे हैं।  बता दें कि, तहसील के अधिकांश गांवों के किसानों ने इस वर्ष अपने खेतों में जामुन रंग का धान लगाया है। जो लोगों के लिये आकर्षण का केंद्र बना हुआ है।

उल्लेखनीय है कि एटापल्ली तहसील के किसानों को अल्प लागत में अधिक मुनाफा मिले, इसलिये बायफ मित्र प्रकल्प द्वारा तहसील के किसानों को इस अनोखी खेती के संदर्भ में मार्गदर्शन किया गया। जिसके बाद तहसील के उडेरा, तोड़सा, गुरपल्ली, परसलगोंदी, जिवनगट्टा, झारेवाड़ा और एटापल्ली के अनेक किसानों ने अपने खेतों  में इस अनोखी खेती का प्रयोग किया है।

किसानों की मेहनत और नई तकनीक से अब तहसील के किसानों के खेतों में जामुन रंग के धान फसल लहलहाते दिखाई दे रही है। किसानों ने बताया कि, करिश्मा नामक धान को खेतों में लगाया है। भले ही फसल का जामुन रंग हो, मात्र चावल सफेद ही होता है और इस  धान फसल से अधिक मुनाफा होने  की आशा भी किसानों ने जताई है।

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