खूंखार मुन्ना हो गया बूढ़ा, दूसरे बाघों के सहारे जीने को मजबूर
खूंखार मुन्ना हो गया बूढ़ा, दूसरे बाघों के सहारे जीने को मजबूर
डिजिटल डेस्क, मंडला। जिसकी दहाड़ से पूरा कन्हा का जंगल गूंज उठता वह खूंखार मुन्ना अब बूढ़ा हो गया है। करीब पन्द्रह साल से अधिक का हो चुका मुन्ना बीमार और कमजोर हो गया है। कान्हा नेशनल पार्क के मुक्की 7 में डेरा डाले यह बाघ इतना लाचार हो गया है कि जंगल के दूसरे बाघों के द्वारा शिकार के सहारे जीने मजबूर है। वन्यप्राणी विशेषज्ञ और चिकित्सक भी उसकी उम्र को देखते निगरानी कर रहे है।
बाघ किंग ऑफ कान्हा के नाम से जाना जाता है-
माथे पर कैट लिखी धारियों के लिए प्रसिद्ध टी 17 मुन्ना बाघ "किंग ऑफ कान्हा" के नाम से जाना जाता है। जिसकी एक दहाड़ से पूरा जंगल थर्रा उठता था। दुनिया भर के देशी और विदेशी सैलानियो के बीच अपनी खास पहचान बनाने वाला ये खूंखार बाघ उम्रदराज हो गया है।
वयस्क बाघ कर रहे हमला-
बताया गया है कि अपनी तेरह साल की बादशाहत और अलग अंदाज से जंगल में राज करने वाला बाघ शिकार के लिए भी दूसरों पर निर्भर है। जंगल में हाल ही में वयस्क बाघों ने उस पर हमला कर खदेड़ दिया उसके बाद से मुन्ना घायल है। पहले जैसी चुस्ती फुर्ती खो देने के साथ उसके दांत और दाढ़ भी घिस गए हैं लेकिन आज भी देसी और विदेशी सैलानी मुन्ना को देखने आते हैं। यहां के वन गाइड पर्यटकों को मशहूर मुन्ना के ही इतने नजदीक जाने की इजाजत देते हैं।
गाइड करते हैं मित्र जैसा व्यवहार-
गाइड मुन्ना के व्यवहार से भलीभांति परिचित हैं। वह बहुत बूढ़ा होने के साथ बेपरवाह है। उसे अपने आसपास के लोगों से कोई फर्क नहीं पड़ता। यहां के वन गाइड उसके साथ मित्र जैसा व्यवहार करते हैं। मुक्की सेवन में मुन्ना पर हर तरह से नजर रखी जा रही है। यहां के वन्यप्राणी विशेषज्ञ और चिकित्सक भी उसकी उम्र को देखते निगरानी कर रहे है। बाघों की औसत आयु को पार कर चुकें मुन्ना की अभी भी पूछ परख कम नहीं हुई है।