रिपोर्ट में खुलासा : पहले से सोची समझी साजिश थी ‘कोरेगांव भीमा हिंसा’
रिपोर्ट में खुलासा : पहले से सोची समझी साजिश थी ‘कोरेगांव भीमा हिंसा’
डिजिटल डेस्क, पुणे। कोरेगांव भीमा हिंसा एक पूर्वनियोजित रची हुई साजिश थी। संभाजी भिड़े और मिलिंद एकबोटे ने हिंसा अधिक भड़काने के हालात पैदा किए थे। पुलिस ने मामले मे गंभीरता नहीं बरती । जिस कारण इतनी बड़ी हिंसा हुई। ये खुसाला सत्यशोधन समिति ने अपनी रिपोर्ट में किया है। गौरतलब है कि 1 जनवरी को कोरेगांव भीमा में दो गुटों के बीच दंगे हुए थे। जिसमें एक युवक को अपनी जान गंवानी पड़ी। आगजनी, पथराव जैसी घटनाओं को अंजाम दिया गया था। इसके बाद उपमहापौर डॉ. सिध्दार्थ धेंडे की अध्यक्षता में सत्यशोधन समिति गठित की गई। जिसने इस पूरी घटना की तह तक जाकर रिपोर्ट कोल्हापुर परिक्षेत्र के महानिरीक्षक को दी है।
इस संदर्भ में डॉ. धेंडे ने दैनिक भास्कर को बताया कि समिति ने बहुत पहले ही पुलिस को रिपोर्ट, सबूत दिए थे। लेकिन उस पर पुलिस ने अभी तक कुछ भी नहीं किया है। पुलिस ने रिपोर्ट को गंभीरता से ही नहीं लिया। इस प्रकरण को नक्सल मोड़ देकर जांच की जा रही है, जो गलत है। पुलिस ने जांच की दिशा ही बदल डाली। राज्य सरकार ने जांच के लिए जो आयोग नियुक्त किया। उस आयोग के समक्ष प्रकरण का मुख्य आरोपी मिलिंद एकबोटे अपने वकील के साथ बैठते हैं। यह एक प्रकार से आयोग पर दबाव डालने की कोशिश है। सरकार एकबोटे और संभाजी भिड़े को बचाने की कोशिश कर रही है। इसपर जल्द ही संगठनों की बैठक लेकर विस्तृत चर्चा करने का मन बनाया गया है। मामले की जांच एसआईटी से कराए जाने की मांग की जाएगी।