कश्मीर में शहीद हुए मेजर कौस्तुभ राणे की शहादत को नमन करने उमड़ा जनसैलाब

कश्मीर में शहीद हुए मेजर कौस्तुभ राणे की शहादत को नमन करने उमड़ा जनसैलाब

Tejinder Singh
Update: 2018-08-09 15:33 GMT
कश्मीर में शहीद हुए मेजर कौस्तुभ राणे की शहादत को नमन करने उमड़ा जनसैलाब

डिजिटल डेस्क, मुंबई। कश्मीर के गुरेज सेक्टर में आतंकियों के साथ मुठभेड़ में शहीद हुए मेजर कौस्तुभ राणे का गुरूवार को मीरारोड में राजकीय सम्मान से साथ अंतिम संस्कार कर दिया गया। राणे को अंतिम विदाई देने हजारों लोगों पहुंचे। अंतिम संस्कार से पहले भी बड़ी संख्या में लोगों ने उनके अंतिम दर्शन किए।

अंतिम संस्कार के दौरान गढवाल राइफल्मस के लेफ्टिनेट जनरल चेरिश मैथसन, कोंकण विभाग के आईजीपी नवल बजाज, तीनों सेनाओं  और ठाणे पुलिस के जवानों के साथ करीब 20 हजार आम लोग मौजूद थे। गढवाल राइफल्स से जुड़े मेजर राणे ने बांदी पुर जिले में स्थित गुरेज सेक्टर में नियंत्रण रेखा पार करने की कोशिश कर रहे दो आतंकियों को ढेर कर दिया था लेकिन इसी बीच उन्हें भी गोली लगी और वे शहीद हो गए।

मुठभेड़ में चार आतंकी मारे गए थे जबकि मेजर राणे के साथ उनके तीन और साथी राइफलमैन मंदीप सिंह, हमीर सिंह और विक्रमजीत सिंह भी शहीद हो गए थे। बुधवार देर रात मेजर राणे का पार्थिव शरीर मुंबई लाया गया था। गुरूवार सुबह पार्थिव शरीर उनके घर पर दो घंटे के लिए अंतिम दर्शनों के लिए रखा गया। इसके बाद फूलों से लदे सेना के ट्रक पर पार्थिव शरीर मीरारोड स्मशानभूमि में अंतिम संस्कार के लिए ले जाया गया।

इस दौरान भारत माता की जय, वंदे मातरम और जब तक सूरज चांद रहेगा कौस्तुभ तेरा नाम रहेगा जैसे नारे गूंजते रहे। पिता प्रकाश राणे ने दोपहर साढ़े 12 बजे पार्थिव शरीर को मुखाग्नि दी। मेजर राणे के परिवार में पिता प्रकार के अलावा मां ज्योति, पत्नी कनिका, दो साल का बेटा अगस्त्य और बहन कष्यपि है। ज्यादातर समय अपने आंसुओं पर काबू रखने वाली उनकी पत्नी कनिका भी मेजर राणे को अंतिम विदाई देते वक्त फूटफूटकर रो पड़ी। इस दौरान रिश्तेदारों ने किसी तरह उन्हें सहारा दिया।

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