ट्रेन से कटा मादा तेंदुआ, वन विभाग ने किया अंतिम संस्कार

ट्रेन से कटा मादा तेंदुआ, वन विभाग ने किया अंतिम संस्कार

Bhaskar Hindi
Update: 2019-02-09 08:27 GMT
ट्रेन से कटा मादा तेंदुआ, वन विभाग ने किया अंतिम संस्कार

डिजिटल डेस्क, उमरिया। घुनघुटी रेंज के चांदपुर बीट में गुरुवार रात मादा तेंदुआ का शव क्षत विक्षत हालत में रेलवे ट्रैक पर मिला है। संभावना जताई जा रही है कि रात को रेल पटरी क्रासिंग के दौरान वन्यजीव ट्रेन के सामने आ गया। हादसे में बरामद शव का सिर धड़ से अलग मिला है। तेंदुए की पहचान एक वर्ष मादा के रूप में हुई है। तेंदुआ के शव का पोस्ट मार्टम क राने के बाद अंतिम संस्कार किया है।
अलग-अलग मिला सिर और धड़-
घुनघुटी वन अमले के मुताबिक घटना गुरुवार की देर रात में हुई। रेंज के आरएफ क्रमांक 300, बीट कांचोदर चांदपुर में रेलवे द्वारा तेंदुए के रन ओवर की सूचना दी गई थी। रात को रेंजर एपी त्रिपाठी ने तीन सदस्यीय दल को मौका मुआयना के लिए भेजा। पोल क्रमांक 924/21 के पास अप ट्रैक से तेंदुआ ट्रैक पर मरा हुआ मिला। सिर व आधा शरीर पटरी पटरी के दोनों तरफ मिला। शरीर के अन्य अंग सुरक्षित मिले हैं। रात में शव को कब्जे में लेकर अगले पीएम व अन्य कार्रवाई हुई।
सीसीएफ की उपस्थिति में पीएम-
वन्यप्राणी के मौत की पुष्टि होने के बाद वनकर्मियों की टीम को शुक्रवार सुबह जांच के लिए भेजा गया। सीसीएफ शहडोल एके जोशी के निर्देशन में पीएम की कार्रवाई हुई। वहीं इसके पूर्व घटना स्थल के आसपास डॉग स्क्वॉड की टीम ने सर्चिंग की। स्थल पर शिकार व अंजान आहट नहीं पाई गई है। दोपहर को डॉक्टर ने शव का पीएम किया। फिर वहीं अंतिम संस्कार की कार्रवाई संपन्न हुई। इस दौरान सीसीएफ श्री जोशी, डीएफओ एमएस भगदिया, एसडीओ राहुल मिश्रा, रेंजर एपी त्रिपाठी सहित रेंज का स्टॉफ उपस्थित रहा।
वन्यप्राणियों की सुरक्षा पर बड़ा खतरा-
पाली से मुदरिया, घुनघुटी होते तकरीबन 30 किलोमीटर एरिया का वन हमेशा से सुर्खियों में रहा है। इसके पूर्व भी रेल ट्रैक में बाघ से लेकर तेंदुआ, भालू, सिआर, चीतल जैसे वन्य जीव मृत पाए जा चुके हैं। वहीं पिछले साल सनसनीखेज बाघ शिकार के दो मामले सामने आ चुके हैं।  सालों से वन्यप्राणियों की मौत के बाद भी आज तक सुरक्षा को लेकर कोई ठोस प्लान नहीं तैयार हो पाया।
इनका कहना है-
घुनघुटी में मृत मिले तेंदुए की मौत ट्रेन की चपेट में आने से ही हुई है। पीएम में अन्य कोई कारण नहीं मिले हैं। रेल ट्रैक किनारे हो रही वन्यजीवों की मौत चिंता का कारण है। सुरक्षा के संबंध में वरिष्ठ अधिकारियों से चर्चा कर नया प्लान किया जाएगा।
एमएस भगदिया, डीएफओ उमरिया।

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