चित्रकूट अपहरण कांड : मजिस्ट्रियल जांच के आदेश,हत्यारों की पैरवी नहीं करेंगे वकील
चित्रकूट अपहरण कांड : मजिस्ट्रियल जांच के आदेश,हत्यारों की पैरवी नहीं करेंगे वकील
डिजिटलडेस्क,सतना। चित्रकूट अपहरण कांड में दो जुड़वां बच्चों की मौत के बाद डिस्ट्रिक्ट मजिस्ट्रेट डॉ. सत्येंद्र सिंह ने मजिस्ट्रियल जांच के आदेश दिए हैं। अपर कलेक्टर को जांच अधिकारी बनाया गया है। यह जांच एक माह में पूरी होगी। जानकारी के मुताबिक डीएम डॉ. सिंह सोमवार की देर शाम चित्रकूट से लौटने के बाद यह आदेश जारी किए हैं। डॉ. सिंह ने कहा कि जांच के कई बिंदु तय किए गए हैं। जिसमें कहा गया कि चित्रकूट से अपहृत बच्चों को क्या बचाया नहीं गया। आखिर चूक कहां पर हुई। इस पूरे प्रकरण में सभी अधिकारियों की भूमिका की जांच की जाएगी
चित्रकूट अपहरणकांड की जांच करेगी एसआईटी
जुड़वा भाइयों के अपहरण से लेकर फिरौती मिलने के बाद हत्या समेत सभी बिन्दुओं की जांच के लिए आईजी चंचल शेखर ने विशेष जांच दल (एसआईटी) का गठन किया है, जिसका नेतृत्व उप पुलिस अधीक्षक वीडी पांडेय को दिया गया है। 10 सदस्यीय टीम में उनके साथ नयागांव टीआई संतोष तिवारी, नागौद टीआई अजय सिंह पवार, सब इंस्पेक्टर रामविलास त्रिपाठी, एएसआई कप्तान सिंह शामिल रहे। यह टीम घटना के बाद की स्थितियों, अपहरण से लेकर बच्चों की तलाश में लगे पुलिसकर्मियों की भूमिका, लाश मिलने के बाद उपद्रव की जांच करेगी। इससे पूर्व भी आईजी श्री शेखर ने डीआईजी अविनाश शर्मा की अगुवाई में एसआईटी बनाई थी, जो अपहरणकांड की तफ्तीश कर रही थी।
हत्यारों की पैरवी करने से बार एसोसिएशन का इंकार
जिले के चित्रकूट में दो जुड़वा बच्चों का अपहरण कर हत्या करने वाले आरोपियों की पैरवी नहीं करने का निर्णय अधिवक्ता संघ ने लिया है। सोमवार को यह निर्णय शोक प्रस्ताव के वाचन के बाद सर्व सम्मति से लिया गया। जिला अधिवक्ता संघ के अध्यक्ष नारायण गौतम ने शोक प्रस्ताव का वाचन कर प्रियांश और श्रेयांश की हत्या को क्रूर और घिनौना कृत्य करार दिया है। शोकसभा में ग्रंथपाल दिनेश शुक्ला, आरआर पटेल, पुष्पराज सिंह, केपी गुप्ता, आरके अग्रवाल, ओमीशंकर, कमलनयन सिंह, राममिलन पटेल, वीएस राजपूत, राजेश जायसवाल, फिरोज, श्रवण पाठक, जेपी पांडेय, केके सिंह, महेन्द्र, मुकेश शुक्ला, प्रदीप सिंह समेत बढ़ी संख्या में अधिवक्ता मौजूद रहे।
और उधर महिला लिपिक को नोटिस
मासूमों की हत्या करने के मामले में आरोपी विद्यार्थियों को निष्कासित किए जाने के बाद महात्मा गांधी चित्रकूट ग्रामोदय विश्वविद्यालय के कुलसचिव डा. बी भारती ने अपने संस्थान के केन्द्रीय पुस्तकालय में पदस्थ लिपिक सुनीता सिंह को नोटिस जारी किया है। इस नोटिस के जरिए 5 दिन के अंदर विश्वविद्यालय परिसर में आवंटित मकान को खाली करने के निर्देश दिए गए हैं। दरअसल विश्वविद्यालय प्रशासन को यह बात संज्ञान में आई है कि विक्रमजीत सिंह लिपिक के निवास में रहता था। जिसके चलते कुलसचिव ने मकान खाली करने की नोटिस के साथ बेदखल अधिनियम के तहत कार्यवाही किए जाने की चेतावनी भी दी है।