बिजली दर में बढ़ोतरी के विरोध में उतरेंगे व्यवसायी, 28 को मुंबई में बैठक
बिजली दर में बढ़ोतरी के विरोध में उतरेंगे व्यवसायी, 28 को मुंबई में बैठक
डिजिटल डेस्क, नागपुर। बिजली दर में लगातार हो रही बढोतरी के विरोध में अब उद्योजक विरोध करने जा रहे हैं। महाराष्ट्र में कार्यरत 200 से अधिक औद्योगिक संगठन 28 जनवरी को मुंबई में बैठक करेंगे। बैठक में विद्युत दरों में हुई वृद्धि के विरोध में क्या कदम उठाए जाएं, यह तय किया जाएगा।
सोमवार को कालाघोड़ा मुंबई स्थित चेंबर आफ कामर्स बैठक का आयोजन महाराष्ट्र चेंबर आफ कामर्स, इंडस्ट्रीज एंड एग्रीकल्चर तथा विद्युत उपभोक्ता एवं औद्योगिक संगठनों की राज्यस्तरीय समन्वय समिति ने किया है। समन्वय समिति के अध्यक्ष ने बताया कि विद्युत दरों में हाल में महाराष्ट्र विद्युत नियामक आयोग ने जो बदलाव किए हैं, उससे प्रदेश में बिजली दर पड़ोसी राज्यों से 20 से 35 प्रतिशत तक अधिक हो गई है। इससे प्रदेश में उद्योगों को चलाना मुश्किल हो गया है।
आयोग ने उद्योगों को रियायत देने के लिए फैक्टर में जो बदलाव किया है, उसके लिए आवश्यक यंत्रों को लगाने के लिए 31 मार्च तक का समय दिया है वह नाकाफी है। प्रदेश में बिजली की जो दरें बढ़ीं हैं, उससे एक शिफ्ट में काम करने वाले उद्योगों को 7 रुपए की जगह 9 रुपए प्रति यूनिट बिजली खरीदनी पड़ रही है। तीनों पालियों में कार्यरत उद्योगों को 5 रुपए 50 पैसे की जगह 7 रुपए से भुगतान करना पड़ रहा है।
उन्होंने कहा कि प्रदेश में उद्योगों को ‘आत्महत्या’ से बचाने के लिए 3500 करोड़ का पैकेज देने की जरुरत है। साथ ही यह भी सुनिश्चित करना होगा कि महावितरण निरंतर विद्युत प्रवाह बनाए रखे। सरकार को देखना चाहिए कि वह महावितरण की रख-रखाव व संचालन लागत पर लगाम कसे, तभी विद्युत दरें उद्योग ही नहीं, हर श्रेणी में सस्ती हो सकेगी। महावितरण 80 पैसे प्रति यूनिट से अधिक इन मदों में खर्च कर रही है, जबकि गुजरात आदि प्रदेशों में यह खर्च 30 पैसे प्रति यूनिट है। उन्होंने कहा कि यदि सरकार उनकी मांगों पर ध्यान नहीं देगी तो उद्योगपतियों को सड़क पर उतरना पड़ेगा।