संस्कृत अनेक भाषाओं की जननी : राज्यपाल

संस्कृत अनेक भाषाओं की जननी : राज्यपाल

Anita Peddulwar
Update: 2019-02-06 07:19 GMT
संस्कृत अनेक भाषाओं की जननी : राज्यपाल

डिजिटल डेस्क, रामटेक(नागपुर)। संस्कृत भाषा को विश्व स्तर पर मान्यता प्राप्त हो रही है। योगा और आयुर्वेद को प्रतिसाद मिल रहा है। विश्व की विद्यापीठों में संस्कृत भाषा का अध्ययन हो रहा है।  सही मायने में संस्कृत अनेक भाषाओं की जननी है।  कवि कुलगुरु कालिदास संस्कृत विद्यापीठ को विश्व की विद्यापीठों से समन्वय कर संस्कृत अध्ययन के साथ संशोधन करने की बात राज्यपाल सी. विद्यासागर राव ने कही। रामटेक स्थित कवि कुलगुरु कालिदास संस्कृत विश्वविद्यालय में माधव सदाशिव गोलवलकर गुरुजी गुरुकुल का शुभारंभ तथा नए शैक्षणिक भवन का लोकार्पण राज्यपाल सी. विद्यासागर राव ने किया। गोलवलकर गुरुजी की प्रतिमा का अनावरण और शारदापीठ के शिलान्यास का अनावरण भी किया गया। इस अवसर पर पेजावरमठाधिपति श्रीविश्वेशतीर्थ श्रीपाद, केंद्रीय परिवहन मंत्री नितीन गडकरी, पालकमंत्री चंद्रशेखर बावनकुले, विधायक डी. मल्लिकार्जुन रेड्डी, विधायक गिरीश व्यास, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरकार्यवाहक भैयाजी जोशी, कुलगुरु श्रीनिवास वरखेडी, पूर्व कुलगुरु डा. पंकज चांदे तथा अन्य अतिथि उपस्थित थे।

संशोशन की जरूरत
राज्यपाल ने आगे कहा कि, देश में संपन्न सांस्कृतिक परंपरा है। भारतीय जीवन पद्धति और ज्ञान पद्धति विश्व में सर्वोत्तम है। संस्कृत अनेक भाषाओं की जननी है। बताया कि, सुश्रुतसंहिता, चरकसंहिता जैसे स्वास्थ्यविषयक तथा भास्कराचार्य के लीलावती ग्रंथ में गणित विषयक मूलभूत विचार हैं। भास्कराचार्य ने खगोलशास्र में महान कार्य किया है। इस पर अधिक संशोधन जरूरी है। उन्होंने गोलवलकर गुरुजी को‘युगदृष्टया’ बताया। केंद्रीय परिवहन मंत्री नितीन गडकरी ने कहा कि, विविध विषयों का ज्ञान भांडार संस्कृत साहित्य में हैं।  इरान और जर्मनी में आयुर्वेद तथा संस्कृत भाषा पर संशोधन हो रहा है। योग और आयुर्वेद का स्वीकार सारे विश्व ने मान्य किया है।

संस्कृत भाषा केवल किसी विशिष्ट वर्ग, जाति, समाज की नहीं है। विद्यापीठ को परिसर की शाला, महाविद्यालयों से समन्वय कर संस्कृत संभाषण वर्ग अधिक प्रभावी रूप से चलाना चाहिए। जिससे सर्वसामान्य तक संस्कृत पहुंच सके। कवि कुलगुरु कालिदास संस्कृत विश्वविद्यालय की स्थापना में तत्कालीन मुख्यमंत्री सुधाकरराव नाईक और पूर्व मंत्री डा. श्रीकांत जिचकार का महत्वपूर्ण योगदान होने की जानकारी गडकरी ने दी। ऊर्जा मंत्री चंद्रशेखर बावनकुले ने कवि कुलगुरु कालिदास संस्कृत विश्वविद्यालय में स्वतंत्र एक्सप्रेस फीडर देने तथा विश्वविद्यालय में सौर ऊर्जा संयंत्र लगाने 50 प्रतिशत अनुदान देने की घोषणा की। पेजावरमठाधिपति श्री विश्वेशतीर्थ श्रीपाद, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरकार्यवाहक भैयाजी जोशी ने भी संबोधित किया। प्रस्तावना कुलगुरु श्रीनिवास वरखेडी ने रखी। इस अवसर पर विद्यार्थियों ने विश्वविद्यालय गीत प्रस्तुत किया। 
 

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