सामना में शिवेसना का बीजेपी पर हमला, कहा-गुंडों की धौंस व पैसों का प्रसाद बांटा जा रहा

सामना में शिवेसना का बीजेपी पर हमला, कहा-गुंडों की धौंस व पैसों का प्रसाद बांटा जा रहा

Bhaskar Hindi
Update: 2019-11-07 03:50 GMT
सामना में शिवेसना का बीजेपी पर हमला, कहा-गुंडों की धौंस व पैसों का प्रसाद बांटा जा रहा

डिजिटल डेस्क, मुंबई। महाराष्ट्र में सरकार बनाने को लेकर शिवसेना और बीजेपी के बीच मतभेद खत्म होने का नाम नहीं ले रहा। इधर शिवसेना ने अपने मुखपत्र सामना के संपादकीय में बीजेपी पर तीखा हमला किया है। शिवसेना ने कहा है कि, राज्य में महायुति की सरकार आएगी, ऐसी गर्जना बीजेपी के चंद्रांत पाटील आदि नेताओं ने की है। उनके मुंह में शक्कर क्योंकि सुधीर मुनगंटीवार ने खुश खबर मिलेगी ऐसा दावा किया है। भाजपा जिस महायुति की बात कर रही है वो आकार में बड़ी हो फिर भी उसमें शामिल कई दलों के एक भी विधायक नहीं हैं। 

शिवसेना ने कहा कि, ये बगैर विधायकों का महामंडल परसो राज्यपाल से मिला और सरकार गठन के बारे में चिंता व्यक्त की। ये बिना विधायकों वाले महामंडल कल दूसरी सरकार के आने पर पिछला सब कुछ भुलाकर नई सरकार में शामिल नजर आएंगे। निवर्तमान कई मंत्री चिंतित हैं। उन्हें सरकारी गाड़ी, घोड़ा, बंगला जाने की चिंता है। राज्य की जनता एक सुर में मांग कर रही है कि कुछ भी हो राज्य में शिवसेना का ही सीएम होना चाहिए। 

शिवसेना ने कहा, जिसके पास आकंडा होगा, वो सरकार भी बनाए और मुख्यमंत्री भी बनाए। भाजपा का हिंदुत्व की विचारधारा से रत्ती भर भी संबंध नहीं है, ऐसे कुछ प्रतिनिधि नए विधायकों से संपर्क करके थैली की भाषा बोल रहे हैं। ऐसी शिकायतें बढ़ रही हैं। 

शिवसेना ने यह भी कहा कि दिल्ली में अहमद पटेल व नितिन गडकरी की गुप्त मुलाकात हुई। उसमें कुछ अलग मंत्रणा हुई। कल गडकरी और अन्य  नेताओं की मुलाकात हुई फिर भी महाराष्ट्र का पत्ता नहीं हिलेगा क्योंकि तना और टहनियां मजबूत है। भाजापा के वरिष्ठ नेता सुधीर मुनगंटीवार खुशखबरी का हवाला दे रहे हैं। अब ये खुशखबरी कौनी सी? सरकार की पार्टियों में किसी को पुत्ररत्न की प्राप्ति होने वाली है या किसी की शादी तय हो गई है। आखिरकार हमारे यहां खुशखबरी का संबंध शादी या नामकरण विधि से जोड़ा जाता है। 

सामना में आगे लिखा है कि, घर हमारे भी हैं और वे पक्के सागौन, शीशम की लकड़ियों के और छत-दीवारें मजबूत हैं। मेहमानों के चप्पलों के ढेर आज भी हमारे दरवाजे पर हैं। इसे शिवसेना की अमीरी कहना चाहिए। पिछली सत्ता का उपयोग अगली सत्ता के लिए थैलियां बांटने में रहा है। हम सिर्फ मुद्दे की बात कर रहे हैं और मुक्के की बात होगी तो उसका भी उत्तर हम देंगे। गुंडों की धौंस व पैसों का प्रसाद कोई बांट रहा होगा तो यहां कोई मरी मां का दूध नहीं पीया है। महाराष्ट्र की प्रतिष्ठ धूमिल करके कोई राज नहीं कर सकता। शिवसेना वहां तलवार लेकर खड़ी ही है। 

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