महाराष्ट्र में जीका वायरस का पहला मामला, पुणे जिले में एक 50 वर्षीय महिला संक्रमित होकर ठीक हुई
महाराष्ट्र में जीका वायरस का पहला मामला, पुणे जिले में एक 50 वर्षीय महिला संक्रमित होकर ठीक हुई
डिजिटल डेस्क, मुंबई। महाराष्ट्र में जीका वायरस का पहला मामला पुणे जिले के पुरंदर तालुका के बेलसर गांव में सामने आया है। अधिकारियों ने कहा कि 50 वर्षीय महिला को इस महीने की शुरुआत में बुखार आया था, लेकिन अब वह पूरी तरह से ठीक हो गई है। उनके परिवार में किसी में भी इस बीमारी के लक्षण नहीं दिखे हैं।
महिला का सैंपल जांच के लिए नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी (एनआईवी) भेजा गया था। 30 जुलाई को वायरस का पता चला था।
स्वास्थ्य विभाग ने कहा कि महिला चिकनगुनिया से भी संक्रमित थी। महाराष्ट्र के सर्विलांस ऑफिसर डॉ प्रदीप आवटे ने कहा, "महिला में 15 जुलाई से लक्षण थे। 30 जुलाई को सैंपल में जीका वायरस और चिकनगुनिया का टेस्ट पॉजिटिव आया था। उन्होंने कहा कि एनआईवी की एक टीम ने इस क्षेत्र का दौरा किया और बेलसर और परिन्चे गांवों से 41 सैंपल कलेक्ट किए। डॉ आवटे ने कहा, इनमें से 25 का चिकनगुनिया टेस्ट पॉजिटिव आया। तीन का डेंगू वायरस का पॉजिटिव टेस्ट आया।
स्वास्थ्य विभाग ने कहा कि उसने संबंधित अधिकारियों से अत्यधिक सावधानी बरतने को कहा है और विभाग जीका वायरस और अन्य कीट जनित बीमारियों के लिए सर्वे करेगा। अब तक, केरल जीका वायरस के मामलों की रिपोर्ट करने वाला एकमात्र भारतीय राज्य था। राज्य में अब तक 61 लोग इस वायरस से संक्रमित हो चुके हैं।
जीका एक मच्छर जनित वायरस है जो एडीज एजिप्टी नामक मच्छर की एक संक्रमित एडीज प्रजाति के काटने से फैलता है। विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के अनुसार, एडीज मच्छर आमतौर पर दिन के दौरान काटते हैं। ये वही मच्छर है जो डेंगू, चिकनगुनिया और पीला बुखार फैलाते हैं।
अधिकांश लोगों के लिए, जीका वायरस का संक्रमण कोई गंभीर समस्या नहीं है। लेकिन यह गर्भवती महिलाओं के लिए बहुत खतरनाक हो सकता है, खासकर भ्रूण के लिए। संक्रमण माइक्रोसेफली (एक मस्तिष्क विकलांगता की स्थिति) या जन्मजात जीका सिंड्रोम नामक अन्य स्थितियों का कारण बन सकता है। यह वायरस गर्भवती महिला से उसके भ्रूण में आसानी से पहुंच जाता है। यह यौन संपर्क, ब्लड और ब्लेड प्रोडक्ट के ट्रांसफ्यूजन और अंग प्रत्यारोपण के माध्यम से भी फैल सकता है।