महाराष्ट्र स्थावर संपदा नियामक प्राधिकरण को राष्ट्रीय ई-गवर्नेंस पुरस्कार

महाराष्ट्र स्थावर संपदा नियामक प्राधिकरण को राष्ट्रीय ई-गवर्नेंस पुरस्कार

Bhaskar Hindi
Update: 2019-02-27 18:54 GMT
महाराष्ट्र स्थावर संपदा नियामक प्राधिकरण को राष्ट्रीय ई-गवर्नेंस पुरस्कार

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। उत्कृष्ट ऑनलाइन सेवाएं उपलब्ध कराने के लिए महाराष्ट्र स्थावर संपदा नियामक प्राधिकरण (महारेरा) को राष्ट्रीय स्तर के ई- गवर्नेंस पुरस्कार से सम्मानित किया गया है। केन्द्रीय कार्मिक एवं प्रधानमंत्री कार्यालय में राज्यमंत्री जितेन्द्र सिंह के हाथों यह पुरस्कार दिया गया। पुरस्कार महारेरा के अध्यक्ष गौतम चटर्जी और सचिव वसंत प्रभु ने ग्रहण किया।

राष्ट्रीय ई-गर्व्हनेंस पुरस्कार से पुरस्कृत
यहां के डॉ. आंबेडकर अंतरर्राष्ट्रीय सेंटर में कार्मिक, लोक शिकायत और पेंशन मंत्रालय की ओर से आयोजित समारोह में डिजिटल क्षेत्र में उल्लेखनीय कार्य करने वाले विभिन्न विभागों को राष्ट्रीय ई-गर्व्हनेंस पुरस्कार से पुरस्कृत किया गया। इस अवसर पर मंत्रालय के सचिव के वी इपन, अतिरिक्त सचिव वी श्रीनिवास और वरिष्ठ अधिकारी मौजूद थे।

महाराष्ट्र में सभी नियमों का सौ फीसदी कड़ाई से पालन
पुरस्कार मिलने पर प्रतिक्रिया देते हुए महारेरा अध्यक्ष चटर्जी ने कहा कि केन्द्र सरकार द्वारा 2016 में रियल एस्टेट (विनियमन और विकास) कानून बनाने के बाद महाराष्ट्र सरकार ने भी बिल्डरों की ओर से ग्राहको को होने वाली तकलीफ को देखते हुए 2017 में स्थावर संपदा नियामक प्राधिकरण स्थापित किया। उन्होंने दावा किया कि अन्य राज्यों की तुलना में महाराष्ट्र केन्द्र के रियल एस्टेट कानून के तहत आने वाले सभी नियमों का सौ फीसदी कड़ाई से पालन कर रहा है और इसका क्रियान्वयन पूरी तरह से डिजिटल में हो रहा है।

उन्होंने बताया कि महारेरा में 19500 से भी अधिक स्थावर संपत्ति का पंजीकरण हुआ है और 20 लाख लोगों को उनके घर अलॉट किए है। महारेरा को अब तक 6000 शिकायतें मिली थी, जिसमें से 4000 का निपटारा किया गया।

 

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