मक्के पर हो रहा फॉल आर्मी वर्म का भीषण हमला -  प्रकोप और बढऩे की आशंका 

मक्के पर हो रहा फॉल आर्मी वर्म का भीषण हमला -  प्रकोप और बढऩे की आशंका 

Bhaskar Hindi
Update: 2019-04-24 07:28 GMT
मक्के पर हो रहा फॉल आर्मी वर्म का भीषण हमला -  प्रकोप और बढऩे की आशंका 

डिजिटल डेस्क,छिंदवाड़ा। मुख्यमंत्री कार्यालय से प्राप्त निर्देशों के बाद जवाहरलाल नेहरू कृषि विश्वविद्यालय जबलपुर के वैज्ञानिकों के 7 सदस्यीय दल ने मंगलवार को जिले में मक्का फसल पर विदेशी कीट फॉल आर्मी वर्म के प्रकोप का निरीक्षण किया। निरीक्षण में वैज्ञानिकों ने भी माना है कि जिले में मक्का फसल पर फॉल आर्मी वर्म का हमला जारी है और खरीफ की फसल के दौरान इस कीट का भीषण हमला फसलों पर हो सकता है। अमेरिकी कीट फॉल आर्मी वर्म 2019 में पूरे देश की समस्या बनकर उभरा है। 2018 में यह कीट तेंलगाना और कर्नाटक की फसलों पर देखा गया, लेकिन अब यह कीट आंध्रप्रदेश, राजस्थान और मध्यप्रदेश में फैल गया है। मंगलवार को जांच के बाद वैज्ञानिकों ने इस कीट प्रकोप पर चिंता जताई है और जांच रिपोर्ट शासन को भेजी है।

बांकानागनपुर में तीन किस्म की मक्का फसल पर रिर्सच
वैज्ञानिकों की सात सदस्यीय टीम ने मंगलवार को चौरई विकासखंड के बांकानागन पुर में किसान नवीन रघुवंशी के लगभग 10 से 12 एकड़ में लगी अलग-अलग तीन किस्मों के मक्के का निरीक्षण किया है। सभी किस्मों पर फॉल आर्मी वर्म पाया गया है। वैज्ञानिकों ने सर्वे के बाद यह भी निष्कर्ष निकाला है कि इस कीट का प्रकोप खरीफ के मक्के में बहुत ज्यादा रहने की संभावना है। 

जांच दल में ये वैज्ञानिक शामिल हुए 
फॉल आर्मी वर्म पर मुख्यमंत्री कमलनाथ के निर्देशों के बाद की गई जांच में जवाहर लाल नेहरू कृषि विश्वविद्यालय के वैज्ञानिक डॉ राजेश पचौरी प्रोफेसर कीट शास्त्र, डॉ अमित कुमार शर्मा एसोसिएट प्रोफेसर कीट शास्त्र, डॉ विजय पराड़कर प्रमुख वैज्ञानिक शस्य विज्ञान, डॉ एपी भंडारकर, वैज्ञानिक कीट शास्त्र, डॉ आरपी बरपेटे, वैज्ञानिक पौध रोप, डॉ पीएल अंबुलकर वैज्ञानिक कीट शास्त्र और जीआर हेड़ाऊ उप संचालक कृषि छिंदवाड़ा शामिल रहे। 
 

वैज्ञानिकों ने सुझाए बचाव के उपाए

  • - जैविक कीटनाशक के रूप में बीटी 1 किग्रा प्रति हेक्टेयर अथवा बिवेरिया बेसियाना 1.5 लीटर प्रति हेक्टेयर का छिड़काव सुबह अथवा शाम के समय करें। 
  • -लगभग 5 प्रतिशत प्रकोप होने पर रासायनिक कीटनाशक के रूप में फ्लेबेंडामाइट 20 डब्ल्यू डीजी 250 ग्राम प्रति हेक्टर या स्पाइनोसेड 45 ईसी, 200-250 ग्राम प्रति हेकटर या इथीफेनप्रॉक्स 10 ईसी 1 लीटर प्रति हेक्टर या एमिमामेक्टिन बेंजोएट 5 एस.जी. का 200 ग्राम प्रति हेक्टर में कीट प्रकोप की स्थिति अनुसार 15-20 दिन के अंतराल पर 2 से 3 बार छिड़काव बुआई के बाद 15 दिन की अवधि में आवश्यक करें। 
  • -दानेदार कीटनाशकों का उपयोग पौधे की पोंगली में (5 से 7 दाने प्रति पोंगली) करें। 

इनका कहना है
मक्का फसल पर फॉल आर्मी वर्म दिखाई दे रहा है यह समस्या खरीफ में और गंभीर हो सकती है इसके लिए प्राथमिक रूप से किसानों को सचेत रहना होगा और बचाव के उपाए निरंतर करने होंगे। 
डॉ. राजेश पचौरी, प्रोफेसर कीट शास्त्र 

खरीफ की फसल पर यह कीट की समस्या आपदा के रूप में सामने आ सकती है इस समस्या पर जांच जारी है इसके अलावा किसान को बोवनी के समय से बचाव के उपाए अपनाने होंगे।  
डॉ. विजय पराड़कर, प्रमुख वैज्ञानिक शस्य विज्ञान

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