नागपुर में सालों बाद दिखे अत्यंत दुर्लभ समझे जाने वाले मालढोक पक्षी

नागपुर में सालों बाद दिखे अत्यंत दुर्लभ समझे जाने वाले मालढोक पक्षी

Anita Peddulwar
Update: 2020-11-06 07:52 GMT
नागपुर में सालों बाद दिखे अत्यंत दुर्लभ समझे जाने वाले मालढोक पक्षी

डिजिटल डेस्क, नागपुर। अत्यंत दुर्लभ समझा जाने वाला मालढोक नामक पक्षी ने नागपुर जिले में हाल ही में मौजूदगी दिखाई है, जिससे पक्षी मित्रों में खुशी की लहर है। लगभग 10 साल बाद इसको देखा गया है। नागपुर जिले के ठेमसाना नामक गांव में कुछ किसानों ने इस पक्षी को देखा है। इस गांव में यह पक्षी वर्ष 2010 में इसे देखा गया था। जिसके बाद कई निरीक्षण आदि होने के बाद भी यह पक्षी नहीं देखा गया था। कुछ वन्यजीव संस्थाओं ने सर्वेक्षण के दौरान यह पक्षी राज्य में न होने की बात कही थी।  इस पक्षी को अंग्रेजी में ‘ग्रेट इंडियन बस्टार्ड’ नाम से जाना जाता है। भारत के आंध्रप्रदेश, कर्नाटक, गुजरात, मध्यप्रदेश, राजस्थान के अलावा महाराष्ट्र में यह पक्षी पाया जाता है। महाराष्ट्र राज्य के नागपुर, बीड व सोलापुर में इस पक्षी को देखा गया है, लेकिन गत तीन साल में राज्य में वन्यजीव संस्था की ओर से किए गए सर्वे में राज्य में इस पक्षी की मौजूदगी नहीं होने की बात कही गई थी।   

आकर्षण का विषय बन गया
दिखने में आकार में बड़ा व शुतुरमुर्ग की तरह दिखने वाला यह पक्षी ठेमसाना गांव में किसानों के लिए आकर्षण का विषय बन गया था। किसानों ने सेवानिवृत्त कर्मचारी की मदद से इस पक्षी के बारे में राज्य वन्यजीव मंडल के सदस्य कुंदन हाथे से जानकारी लेने पर यह मालढोक पक्षी होने की बात सामने आई। ऐसे में यह पक्षी फिर नागपुर जिले में होने की बात पक्की हो गई है। इंटनेशनल यूनियन फॉर कंजरवेशन ऑफ नेचर (आईयूसीएन) ने इससे पहले इसे अति संकटग्रस्त घोषित किया था। इन पक्षियों की राज्य में संख्या इतनी कम हो गई है कि अब इसे बढ़ाना संभव नहीं होने की बात कही जा रही थी। गुरुवार से शुरू पक्षी सप्ताह में इसी तरह दूसरे दुर्लभ पक्षियों को खोजने और उनके जतन आदि के बारे में काम किया जाएगा। 

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