मालेगांव बम विस्फोट मामले के पीड़ित को मिली हस्तक्षेप की इजाजत

मालेगांव बम विस्फोट मामले के पीड़ित को मिली हस्तक्षेप की इजाजत

Anita Peddulwar
Update: 2020-11-27 14:44 GMT
मालेगांव बम विस्फोट मामले के पीड़ित को मिली हस्तक्षेप की इजाजत

डिजिटल डेस्क, मुंबई । बांबे हाईकोर्ट ने मालेगांव बम धमाके के एक पीड़ित को मामले में आरोपी कर्नल प्रसाद पुरोहित की याचिका में हस्तक्षेप करने की इजाजत दे दी है। धमाके के पीड़ित निसार अहमद बिलाल ने इस संबंध में कोर्ट में आवेदन दायर किया था। जिस पर सुनवाई के बाद 23 नवंबर 2020 को अपना फैसला सुरक्षित कर लिया था। न्यायमूर्ति एसएश शिंदे व न्यायमूर्ति एमएस कर्णिक की खंडपीठ ने शुक्रवार को फैसला सुनाते हुए बिलाल को पुरोहित की याचिका में हस्तक्षेप करने की इजाजत दे दी है। 

बिलाल की ओर से पैरवी करनेवाले वरिष्ठ अधिवक्ता बीए देसाई ने दावा किया था कि उनके मुवक्किल को इस मामले में अपनी बात रखने का हक है। मेरे मुवक्किल ने इस धमाके में अपने बेटे को खोया है। वे पीड़ित पक्षकार हैं इसलिए उन्हें अपनी बात रखने का अधिकार है। वहीं पुरोहित की वकील नीला गोखले ने इस आवेदन का विरोध किया था। उन्होंने कहा कि मेरे मुवक्किल ने याचिका में मुकदमा चलाने से जुड़ी मंजूरी को चुनौती दी है। यह मंजूरी नियमों के तहत नहीं ली गई है। इसलिए उनके मुवक्किल के खिलाफ मुकदमा न चलाया जाए। ऐसे में किसी को भी इस मामले में हस्तक्षेप करने की इजाजत न दी जाए। पुरोहित ने अपनी याचिका में खुद के खिलाफ दर्ज मामले को रद्द करने की मांग की है। मामले से जुड़े दोनों पक्षों को सुनने के बाद खंडपीठ ने अपना फैसला सुरक्षित कर लिया था। जिसे खंडपीठ ने शुक्रवार को सुनाते हुए बिलाल को मामले में हस्तक्षेप करने की इजाजत दे दी। साल 2008 में मालेगांव में हुए बम धमाके में 6 लोगों की मौत हो गई थी जबकि सौ लोग घायल घायल हो गए थे।
 

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