नागपुर की 600 बड़ी इमारतें 'डेंजर जोन' में, दमकल विभाग अनजान

नागपुर की 600 बड़ी इमारतें 'डेंजर जोन' में, दमकल विभाग अनजान

Bhaskar Hindi
Update: 2017-07-26 13:38 GMT
नागपुर की 600 बड़ी इमारतें 'डेंजर जोन' में, दमकल विभाग अनजान

डिजिटल डेस्क, नागपुर। नागपुर की 600 बड़ी इमारतें "डेंजर जोन" में हैं, इन इमारतों का दमकल विभाग ने निरीक्षण ही नहीं किया है। मनपा एडीशनल कमिश्नर रवींद्र कुंभारे ने समीक्षा की तो यह जानकारी सामने आई है। 

एडीशनल कमिश्नर ने बताया कि अगर कायदे में निरीक्षण होता तो स्थिति साफ हो पाती कि इन इमारतों में आग से बचने के पर्याप्त उपाय हैं कि नहीं, फिलहाल यह कोई नहीं जानता। अगर इन इमारतों में कोई हादसा होता है, तो संबंधित अधिकारियों को लेने के देने पड़ सकते हैं। एडीशनल कमिश्नर ने इन इमारतों का निरीक्षण व रिन्यूवल करने के निर्देश दिए हैं। काम में सुधार करने की नसीहत देते हुए जिम्मेदार अधिकारियों पर कार्रवाई करने की भी चेतावनी दी गई है।

हर साल होना चाहिए रिन्यूवल

मनपा के दमकल विभाग से फायर फाइटिंग का प्रमाणपत्र ले चुकी इमारतों का हर साल रिन्यूवल होना चाहिए। इसमें 15 मीटर तक और उससे बड़ी इमारतें शामिल हैं। 15 मीटर तक की इमारतों का निरीक्षण स्टेशन ऑफिसर करता है, जबकि 15 मीटर से ऊंची इमारतों का निरीक्षण सिविल लाइंस स्थित दमकल के मुख्यालय से होता है।

दो दिन पहले किया था तलब

मनपा एडीशनल कमिश्नर रवींद्र कुंभारे ने दो दिन पूर्व सभी स्टेशन ऑफिसरों को अपने चेंबर में तलब किया था। इस लापरवाही के लिए खरी-खरी सुनाई। सख्त कार्रवाई करने की चेतावनी भी दी। कुछ अधिकारियों ने दो पदभार होने, वाहन व रायटर नहीं होने, दूसरे जोन की फाइल होने से निरीक्षण नहीं करने की सफाई दी।

9 श्रमिकों की मौत

पूर्व पार्षद राजू लोखंडे की ग्रेट नाग रोड बैद्यनाथ चौक स्थित इमारत 2006 में धराशायी हो गई थी। इसमें 9 श्रमिकों की मौत हुई थी। अंदर व बाहर से मजबूत दिखाई देने वाली इमारत ताश की पत्तों की तरह बिखर गई थी। 2012 में कलमना के चिखली में प्रवेश कोल्ड स्टोरेज हादसे में 20 से ज्यादा लोग मारे गए थे। इस बहुमंजिला इमारत व गोदाम का एमआईडीसी व दमकल से पूरा फायर आडिट नहीं हुआ था। इस हादसे की गूंज पूरे राज्य में हुई थी आैर पुलिस ने कोल्ड स्टोरेज के मालिक प्रमोद खंडेलवाल सहित कई लोगों को गिरफ्तार किया था। शहरवासी अब तक इस हादसे को नहीं भूल पाए हैं। पीड़ित परिवार आज भी इस हादसे को याद कर सिहर उठते हैं।

 

शहर की आबादी करीब 30 लाख है। स्मार्ट सिटी के तहत यहां 13 फायर स्टेशन प्रस्तावित हैं। ऐसे में दमकल विभाग से बेहतर करने की उम्मीद की जाती है। नए यार्ड स्टिक के मुताबिक यहां अभी 150 फायरमैनों व 36 ड्राइवरों की कमीटर है। केवल 98 फायरमैन व 34 ड्राइवरों के भरोसे काम चल रहा है। फायरमैन व लीडिंग फायरमैन पर काम का ज्यादा दबाव है। बड़ी इमारतों का आडिट नहीं होने का यह भी एक कारण है।

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