मराठा आरक्षण : न्यायालय में कमजोर पड़ी सरकार - गजभिये

मराठा आरक्षण : न्यायालय में कमजोर पड़ी सरकार - गजभिये

Bhaskar Hindi
Update: 2019-05-12 14:33 GMT
मराठा आरक्षण : न्यायालय में कमजोर पड़ी सरकार - गजभिये

डिजिटल डेस्क, नागपुर। मराठा आरक्षण पर न्यायालय से सरकार को झटका मिलने के बाद राजनीति तेज हो गई है। विपक्ष ने सरकार को घेरने की रणनीति पर अमल करना शुरू कर दिया है। राकांपा नेता व विधायक प्रकाश गजभिये ने सरकार पर न्यायालय में मराठा आरक्षण का मुद्दा कमजोर तरीके से रखने का आरोप लगाते हुए कहा कि, सरकार ने मराठा आरक्षण का मुद्दा रखने योग्य वकील तक नहीं दिया। उन्होंने कहा कि, 2018 में राकांपा के दोनों सभागृह के सदस्यों ने मराठा आरक्षण के लिए बजट व मानसून अधिवेशन में इस मुद्दे को जोरशोर से उठाया था। विशेष अधिवेशन बुलाकर मराठा आरक्षण तुरंत घोषित करने की मांग की थी, लेकिन सरकार को मराठा आरक्षण पर राजनीति करनी थी। 

कानून लागू करने में विलंब से विद्यार्थियों पर संकट


आरक्षण का लाभ नहीं देना था, इसलिए कानून विलंब से लागू किया, जिससे आज मेडिकल पाठ्यक्रम में मराठा विद्यार्थियों को लाभ से वंचित रहने की नौबत आ गई है। इस बार वैद्यकीय पदव्यूतर पाठ्यक्रम में 972 प्रवेश होने वाले थे, उसमें सरकारी और निजी मिलाकर 213 जगह मराठा विद्यार्थियों को मिलने वाली थी, लेकिन सरकार की नीतियों के कारण विद्यार्थियों को वंचित रहना पड़ रहा है। एसईबीसी कानून की धारा 16(2) अनुसार किसी कोर्स की प्रवेश प्रक्रिया कानून लागू होने के पूर्व शुरू होने पर आरक्षण लागू नहीं रहेगा। इसके अनुसार मेडिकल पदव्यूतर कोर्स की प्रवेश प्रक्रिया अक्टूबर 2018 में शुरू हुई थी। एसईबीसी कानून नवंबर 2018 में लागू हुआ। इसलिए कानून अंतर्गत आरक्षण पूर्व प्रभाव से लागू नहीं हो सका। जिस कारण मराठा विद्यार्थियों कों 16 प्रतिशत आरक्षण के लाभ से इस साल वंचित रहना पड़ेगा

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