तुअर की फसल को चट कर रहे ‘मरू’, बदरीला मौसम पहुंचा रहा नुकसान

किसान चिंतित तुअर की फसल को चट कर रहे ‘मरू’, बदरीला मौसम पहुंचा रहा नुकसान

Anita Peddulwar
Update: 2021-11-13 09:23 GMT
तुअर की फसल को चट कर रहे ‘मरू’, बदरीला मौसम पहुंचा रहा नुकसान

डिजिटल डेस्क,गड़चिरोली । धान की फसलों के बाद अब तुअर की फसल पर बदरीले मौसम ने संकट के बादल घेर लिए हैं। ‘मरू’ नामक कीटों ने फसल पर हमला बोल दिया है। जिससे किसानों के हाथों में आने वाली तुअर की फसल पूरी तरह चट होने लगी है। जिससे एक बार फिर किसान संकट में आन फंसे हैं। किसानों को इस स्थिति से उबारने के लिए यहां के कृषि विज्ञान केंद्र ने किसानों के खेतों में पहुंचकर इस नुकसान से कैसे बचा जा सकता है, इस संदर्भ में किसानाें को मार्गदर्शन किया जा रहा है। 

बता दें कि, समूचे विदर्भ में गड़चिरोली की पहचान धान उत्पादक जिले के रूप में है, लेकिन लगातार हो रही फसलों की बर्बादी के कारण किसानों ने धान के साथ अब तुअर की फसलों पर भी विशेष ध्यान देना शुरू किया है। पिछले तीन दिनों से गड़चिरोली का मौसम पूरी तरह बदरीला हो गया है। बारिश नहीं हो रही है, लेकिन आसमान में बादल छाए होने के कारण इसका सीधा असर तुअर की फसलों पर पड़ने लगा है। वर्तमान में किसानों की फसल पर ‘मरू’ नामक कीटों ने हमला बोल दिया है। कीट तुअर की फसल को पूरी तरह चट कर रहे हैं। ‘मरू’ नामक इल्ली तुअर के फल को पूरी तरह नष्ट कर देती है। जिससे किसानों को इस वर्ष नुकसान का सामना करना पड़ सकता है। आगामी दिसंबर तक तुअर की फसल पूरी तरह तैयार होने की उम्मीद है, लेकिन ऐसी स्थिति में ‘मरू’ कीटों के हमले ने किसानों को परेशानी में डाल दिया है। 
 
रासायनिक दवाइयों का करें छिड़काव 
‘मरू’ कीटों से बचने के लिए फ्लूवेंडामाइड नामक रासायनिक दवा को 10 लीटर पानी में डालकर इसका छिड़काव करें। साथ ही इस मिश्रण में नोवालुरोन, इंडोक्साकार्ब का घोल भी मिलाएं। दवा के मिश्रण से ‘मरू’ कीट नष्ट होगा। साथ ही किसानों की फसल को भी नवजीवन प्राप्त होगा।  -डा. डी.बी. उंदिरवाडे, कीटशास्त्र विभाग प्रमुख, कृषि विज्ञान केंद्र, गड़चिरोली 
 

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