नकली कीटनाशक का मास्टरमाइंड पुणे से गिरफ्तार, 3 वर्षों से झोंक रहा था आंखों में धूल

नकली कीटनाशक का मास्टरमाइंड पुणे से गिरफ्तार, 3 वर्षों से झोंक रहा था आंखों में धूल

Anita Peddulwar
Update: 2018-09-20 05:29 GMT
नकली कीटनाशक का मास्टरमाइंड पुणे से गिरफ्तार, 3 वर्षों से झोंक रहा था आंखों में धूल

डिजिटल डेस्क, कलंब(यवतमाल)। महाराष्ट्र सहित अन्य राज्यों तक नकली कीटनाशक और खाद पहुंचाने वाले मास्टरमाइंड शेखर थोटे को पुलिस ने लोहारा चौक से गिरफ्तार कर लिया। कलंब में थोटे भाइयों द्वारा गुरुदेव कृषि केंद्र के माध्यम से नकली कीटनाशक, खाद, बीज धड़ल्ले से बेचा जा रहा था। यह गोरख धंधा गत 3 वर्षों से जारी था।

कृषि अधिकारियों की मिलीभगत के चलते गत वर्ष 2007  में कीटकनाशक से 23  किसानों की मौत, 2016 में 6  मौत और चालू वर्ष में 2 की मौत कुल 31  मौत होने के बाद भी धंधा आसानी से चल रहा था, जबकि इन मौतों के बाद बनी एसआईटी को भी इसकी भनक नहीं लगी। थोटे के बाए हाथ समझे जानेवाले सचिन अरुण कावले को जब पकड़ा गया तो उसने पीसीआर में इस बारे में एलसीबी को जानकारी दी। इसी के जानकारी के आधार पर शेखर की गिरफ्तारी हुई। सचिन और शेखर मिलकर यह गोरख धंधा 3 वर्षों से कर रहे थे।

पुणे के जे.जी. कंपनी नाम से गुरुदेव जिनिंग में तैयार की गई फर्जी कृषि सामग्री विदर्भ, मराठवाड़ा व अन्य राज्यों में बेची जाती थी। यही नहीं जिस बीटी बीज के कारण बोंडइल्ली का प्रकोप हुआ।  31  किसानों की मौत हुई वह प्रतिबंधित बीटी  बीज 3 और 4  भी बेचने की प्रबल आशंका जांच में सामने आई है। दोनों माल बेचते समय किसानों को इसका बिल नहीं देते थे। लेकिन खुद के रजिस्टर में इसका पंजीयन करते थे। यदि किसी किसान ने बिल मांगा तो साधे कागज पर बिल देते थे। ऐसी जानकारी सूत्रों से मिली है। इस कृषि केंद्र में कार्यरत कर्मियों को जब इसकी भनक लगी तो उन्होंने उसी समय काम छोड़ दिया। शेखर थोटे पर जिलाकृषि अधिकारी की मेहरबानी होने के कारण छापे के समय से अब तक वह फरार रहा।  अब तक 1.35  करोड़ का माल जब्त किया गया है। कलंब के कितने कृषि केंद्र को यह माल आपूर्ति की गई है जांच में  यह बात  भी सामने आएगी।

कीटकनाशक छिड़काव से विषबाधा भी इसी के कारण हुई है  ऐसा आरोप राकांपा और कांग्रेस के विधायक जिला अध्यक्षों ने लगाया है। इस मामले की उच्च स्तरीय जांच करने की मांग की जा रही है। इससे पहले भी थोटे पकड़ा गया था। उस समय भी यही आरोप था, जिससे तत्कालीन कृषि अधिकारियों ने उसकी कृषि सामग्री बेचने का लाइसेन्स रद्द कर दिया था। लेकिन अमरावती के तत्कालीन कृषि अधिकारी ने  लाइसेन्स पुन: बहाल कर दिया।   कृषि अधिकारियों की मेहरबानी किसानों की मौत का सबब बनी है इसीलिए उच्च स्तरीय जांच की मांग किसानों ने की है। लेकिन सत्ताधारी और शिवसेना द्वारा इस मामले में चुप्पी बरतना किसानों को खल रहा है। 

पुणे से किया गिरफ्तार? 
इस मामले में पकड़े गए मास्टरमाइंड शेखर थोटे की गिरफ्तारी पुणे से होने की चर्चा है। इसके बावजूद पुलिस उसे यवतमाल के लोहारा चौक में पकडऩे की बात पर अड़ी हुई है।

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