महापौर ने कहा- कम से कम पांच बेड रखें आरक्षित नहीं तो मेडिकल स्टाफ मनपा को दें
महापौर ने कहा- कम से कम पांच बेड रखें आरक्षित नहीं तो मेडिकल स्टाफ मनपा को दें
डिजिटल डेस्क, नागपुर। शहर में बढ़ते संक्रमण के बीच हालात बेकाबू हो रहे हैं। सरकारी कौन कहे, निजी अस्पतालों तक में मरीजों को बेड नहीं मिल पा रहा है। समय से इलाज न मिलने के कारण कई मरीजों की जान जा चुकी है। सरकारी इंतजाम नाकाफी साबित हो रहे हैं। इसी को देखते हुए मनपा ने सभी निजी अस्पतालों को कोरोना के उपचार की इजाजत दे दी है। महापौर संदीप जोशी ने विदर्भ हॉस्पिटल एसोसिएशन के पदाधिकारियों के साथ चर्चा की। व्यवस्थाओं को दुरुस्त करने के लिए निजी अस्पतालों पर नकेल कसने की तैयारी शुरू हो गई है। मनपा ने शहर के पंजीकृत सभी 637 अस्पतालों को पत्र जारी किया है। इसमें साफ कहा गया है कि कोविड का उपचार करें, अन्यथा लाइसेंस रद्द किया जाएगा। साथ ही, यह भी निर्देश दिए गए हैं कि हर अस्पताल कम से कम पांच बेड कोविड मरीजों के लिए आरक्षित रखे। जो बेड देने में सक्षम नहीं हैं, वो अस्पताल अपने मेडिकल स्टाफ मनपा को उपलब्ध कराएं।
200 बेड तैयार, पर मनपा के पास स्टाफ ही नहीं
विदर्भ हॉस्पिटल एसोसिएशन के पदाधिकारियों के साथ चर्चा में महापौर ने कहा कि मनपा के पास 200 बेड तैयार हैं। पर मेडिकल स्टाफ नहीं होने से उपयोग नहीं हो पा रहा है। अगर निजी अस्पताल स्टाफ दे देंगे, तो इन बेडों का उपयोग होने लगेगा। मनपा के इंदिरा गांधी शासकीय वैद्यकीय महाविद्यालय व रुग्णालय सहित 300 और शासकीय वैद्यकीय महाविद्यालय व रुग्णालय के 100 बेड का उपयोग कोविड मरीजों के लिए हो सकेगा। निजी अस्पतालों को चेताया गया है कि मनपा का सहयोग नहीं करने या दिशा-निर्देशों की अनदेखी पर कार्रवाई की जाएगी।
ये रहे मौजूद : स्थायी समिति सभापति पिंटू झलके, अतिरिक्त आयुक्त जलज शर्मा, वैद्यकीय स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. संजय चिलकर, टाटा ट्रस्ट के टिकेश बिसेन, इंडियन मेडिकल एसोसिएशन की नागपुर शाखा के अध्यक्ष डॉ. अर्चना कोठारी, विदर्भ हॉस्पिटल एसोसिएशन के उपाध्यक्ष डॉ. प्रमोद गिरि, उपाध्यक्ष डॉ. मुक्केवार, कनवीनर डॉ. अनूप मरार आदि