बच्चों पर मंडरा रहा मिजल्स का खतरा, खसरे के मरीजों की बढ़ी संख्या

बच्चों पर मंडरा रहा मिजल्स का खतरा, खसरे के मरीजों की बढ़ी संख्या

Bhaskar Hindi
Update: 2018-04-13 07:44 GMT
बच्चों पर मंडरा रहा मिजल्स का खतरा, खसरे के मरीजों की बढ़ी संख्या

डिजिटल डेस्क छिंदवाड़ा। खसरा फैलाने वाला वायरस मिक्सो हवाओं में सक्रिय हो गया है। जिन बच्चों की रोग प्रतिरोधक क्षमता कम है, उन पर खसरा का खतरा मंडरा रहा है। त्वचा में लाल दाने और तेज बुखार से पीडि़त बच्चे जिला अस्पताल की ओपीडी में पहुंच रहे है। शिशु रोग विशेषज्ञों के मुताबिक ओपीडी में रोजाना लगभग आठ से दस बच्चे इलाज के लिए आ रहे है। इनमें से अधिक बच्चे तेज बुखार और भूख न लगने जैसी समस्या से जूझ रहे है। खसरा संक्रामक बीमारी होने से इसके लगातार फैलने का खतरा हमेशा बना रहता है। संक्रमित बच्चे से सामान्य बच्चों में वायरस आसानी से फैल जाता है। इस वजह से डॉक्टर परिजनों को खास एहतियात बरतने की हिदायत दे रहे है।
खसरा संक्रामक बीमारी -
खसरा एक संक्रामक बीमारी है। जिसके वायरस खांसने छींकने से फैलते है। संक्रमित मरीज से सामान्य लोगों को दूर रहना चाहिए। मरीज का बिस्तर और कपड़े भी अलग रखना चाहिए। कपड़ों में लगे वायरस से भी सामान्य मरीज इसकी चपेट में आ सकते है।
खसरा के लक्षण-
खसरा के वायरस से संक्रमित मरीज को सिरदर्द, बदनदर्द, बुखार, कमजोरी, भोजन में अरुचि, गले में सूखापन और खांसी आदि की समस्या होती है। संक्रमण के बाद दूसरे दिन से मरीज की त्वचा पर लाल दाने उभरने लगते हैं।
निमोनिया की बढ़ जाती है संभावना-
खसरा का समय पर इलाज न होने पर बच्चों में निमोनिया, कान बहना, दिमाग में सूजन, हृदय में सूजन जैसी समस्याएं भी सामने आती है। विशेष चिकित्सकों का कहना है कि इन घातक परिणामों से बचने बच्चों को खसरा होने पर इलाज जरुर कराएं।
नहीं थम रहा उल्टी-दस्त का प्रकोप-
मौसम में बदलाव के चलते उल्टी-दस्त का भी प्रकोप लगातार बढ़ रहा है। डायरिया की वजह से पानी की कमी से जूझ रहे लगभग सौ मरीज रोजाना जिला अस्पताल पहुंच रहे है। इनमें से 20 से 25 मरीजों को संक्रामक वार्ड में भर्ती कराया जा रहा है। दूषित पानी और बासे भोजन के सेवन से डायरिया का प्रकोप लगातार बढ़ रहा है। मरीजों को डॉक्टर पानी उबालकर पीने की सलाह दे रहे है।
क्या कहते हैं चिकित्सक-
खसरा एक संक्रामक बीमारी है, टीकाकरण न होने पर बच्चों में आसानी से खसरे के वायरस फैल जाते है। शरीर पर लाल चकते, सर्दी-खांसी और तेज बुखार की समस्या होने पर मरीज को तुरंत अस्पताल लाकर इलाज कराएं।
-डॉ.हितेश रामटेके, शिशु रोग विशेषज्ञ

 

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