छुट्टी के दिन जिला अस्पताल में नहीं मिलती दवाइयां, मरीज परेशान

छुट्टी के दिन जिला अस्पताल में नहीं मिलती दवाइयां, मरीज परेशान

Bhaskar Hindi
Update: 2018-04-19 09:12 GMT
छुट्टी के दिन जिला अस्पताल में नहीं मिलती दवाइयां, मरीज परेशान

 डिजिटल डेस्क शहडोल । जिला चिकित्सालय में छुट्टी के दिन मरीजों को पर्याप्त इलाज नहीं मिलता है। सिर्फ आपालकालीन सुविधा शुरू रहती है। न तो दवाइयां मिलती हैं और न ही किसी तरह की जांच होती है। भर्ती होने पर ही वार्ड से दवाइयां मिलती हैं। पुरानी बस्ती निवासी राखी शर्मा शुक्रवार को अपने घर में गिर गई थीं। उनके हाथ में फ्रैक्चर था। वह इलाज के लिए जिला अस्पताल पहुंची तो पता चला कि डॉक्टर छुट्टी पर हैं। छुटटी के दिन एक्सरे भी नहीं हो पाएगा और दवाइयां भी नहीं मिल पाएंगी। ड्यूटी डॉक्टर ने पर्चे में कुछ दवाइयां लिख दीं। राखी के पास पैसे नहीं थे, उन्होंने अपने परिवारवालों को बुलाया और मेडिकल स्टोर से दवाइयां लीं। एक्सरे के लिए उन्हें गुरुवार को फिर हॉस्पिटल जाना पड़ेगा। इसके बाद ही उनका प्रॉपर इलाज शुरू हो पाएगा। मौसम में बदलाव के वजह से इस समय वायरल इन्फेक्शन के मरीजों के संख्या बढ़ गई है। शुक्रवार को भी कई वायरल फीवर व इन्फेक्शन के मरीज हॉस्पिटल पहुंचे थे तरह की समस्या कई मरीजों के साथ थी। दवा नहीं मिलने से लोगों को मेडिकल स्टोर से दवा खरीदनी पड़ी और जांच भी बाहर से कराने पड़े।
नसबंदी फेल, कमिश्नर से शिकायत, दिए जांच के निर्देश- नसबंदी ऑपरेशन फेल होने के कारण पुत्री का जन्म हुआ। नसबंदी असफल होने की मुआवजा राशि के लिये जिला चिकित्सालय के काफी चक्कर लगाये किंतु किसी ने उसे सहायता राशि मुहैया नहीं कराई। बल्कि अस्पताल के कर्मचारी द्वारा राशि दिलाने का आश्वासन देकर 5 हजार रूपये ले ली गई। यह मामला जिला चिकित्सालय उमरिया का है। तहसील मानपुर के ग्राम कछौवा निवासी श्याम बैगा (परिवर्तित नाम) ने कमिश्नर को दिये लिखित शिकायत में उक्ताशय के आरोप लगाते हुए बताया कि उसे अभी तक मुआवजा राशि नहीं दी गई है, और ना ही 5 हजार रूपये की राशि अस्पताल के कर्मचारी राजेंद्र तिवारी द्वारा वापस की जा रही है। उसने बताया कि 23 जुलाई 2013 को नसबंदी ऑपरेशन कराया था, इसके बाद पत्नी को प्रसव हुआ। श्याम ने कमिश्नर से मुआवजा राशि दिलाने की मांग की साथ ही जिला चिकित्सालय उमरिया के कर्मचारी द्वारा ली गई 5 हजार रूपये की राशि भी दिलाने की गुहार लगाई गई। जिस पर कमिश्नर रजनीश श्रीवास्तव ने मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी उमरिया को निर्देश दिये हैं कि वे शिकायत की जांच कर आवश्यक कार्यवाही करें तथा कमिश्नर कार्यालय को तत्काल अवगत करायें।
 इनका कहना है-
यह व्यवस्था काफी समय से चल रही है। छुट्टी के दिन आपातकालीन सुविधा शुरू रहती है। मरीजों के भर्ती किया जाता है। स्टाफ की कमी की वजह से बाकी काम बंद रहते हैं।
डॉ. एनके सोनी, सिविल सर्जन

 

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