हेलिकॉप्टर के उड़ान भरने से लेकर लैंडिंग देख रोमांचित हुए लोग,  एयरक्रॉफ्ट और आधुनिक हथियारों पर टिकी रहीं निगाहें

हेलिकॉप्टर के उड़ान भरने से लेकर लैंडिंग देख रोमांचित हुए लोग,  एयरक्रॉफ्ट और आधुनिक हथियारों पर टिकी रहीं निगाहें

Anita Peddulwar
Update: 2018-09-29 11:13 GMT
हेलिकॉप्टर के उड़ान भरने से लेकर लैंडिंग देख रोमांचित हुए लोग,  एयरक्रॉफ्ट और आधुनिक हथियारों पर टिकी रहीं निगाहें

डिजिटल डेस्क, नागपुर। भारतीय वायुसेना के बेड़े में शामिल एमआई 17वीं5 (हेलिकॉप्टर) को देख दर्शक रोमांचित हो उठे। कई लोगों के लिए यह पहला मौका था, जब वह काफी करीब से हेलिकॉप्टर को देख रहे थे। विशेष बात यह थी कि इस दौरान दर्शकों को हेलिकॉप्टर में बैठने का अवसर भी मिला और उससे संंबंधित सवालों के जवाब भी मिल रहे थे। इतना ही नहीं, हेलिकॉप्टर उड़ाने से लेकर उसकी लैंडिंग की सारी जानकारी  कॉकपिट में बैठकर पायलट दे रहे थे। यह सब कुछ दर्शकों को रोमांचित कर रहा था। यह नजारा सोनेगांव स्थित वायुसेना स्टेशन का था। यहां पाकिस्तान में घुसकर सर्जिकल स्ट्राइक के माध्यम से पड़ोसी देश को मुंहतोड़ जवाब देकर उसकी चौकियों को तबाह करने के दिवस के उपलक्ष्य में  दो दिवसीय स्टाटिक डिस्प्ले (स्थिर प्रदर्शनी) का आयोजन किया गया । 

किसी भी मौसम में भर सकता है उड़ान
हेलिकॉप्टर एमआई 17वी 5 की विशेषता यह है कि यह किसी भी ट्रीपिकल, समुद्री जलवायु एवं रेगिस्तान वाले क्षेत्र में उड़ान भर सकता है। इसमें स्टूर्म-वी मिसाइल, एस-8 राॅकेट, 23 एमएम मशीन गन, पीकेटी मशीन गन और एकेएम सब-मशीन गन को उपयोग करने की क्षमता है। सामान्य ऑपरेशन में इन हथियारों को निकाला भी जा सकता है। 36 सैनिकों को हथियार सहित ले जाने की क्षमता है।  यह हेलिकॉप्टर यात्रियों, हथियार एवं लोड होकर 13 टन तक वजन उठा सकता है। यही वजह है कि इसे ट्रांसपोर्ट हेलिकॉप्टर कहते हैं।

वीआईपी कंवेंस एयरो एयरक्रॉफ्ट ने खूब लुभाया
भारतीय वायुसेना के बेड़े में 1960 से शामिल एयरो (चित्रा) एयरक्रॉफ्टर ने भी दर्शकों को खूब लुभाया। शुरुआत में इसका उपयोग वीआईपी पर्सन के लिए किया जाता था बाद में उपलब्धता के कारण धीरे-धीरे वीआईपी की कैटेगरी के लिए इसका उपयोग कम हो गया। इसका उपयोग एयर एंबुलेंस, कार्गो, जगह का सर्वे करने एवं पैरा ट्रूपिंग के लिए उपयोग किया जाता है।

हथियारों पर टिकी रह गईं आंखें 
गरुड़ कमांडो फोर्स के आधुनिक हथियारों को देखकर लोगों की आंखें उन पर टिकी रह गईं। इजराइल वेपन इंड्रस्टीज (आईडब्ल्यूआई) द्वारा बने यह हथियार अचूक निशाने वाले थे। इसमें एसटीएआर की मारक क्षमता- 600 मीटर, सीटीएआर की मारक क्षमता- 400 मीटर, नेगेव की मारक क्षमता 800 मीटर, जीटीएआर- ग्रेनेड लांचर, स्नाइपर की मारक क्षमता- 1.5 किलोमीटर है। विशेष बात यह है कि दिन और रात में उपयोग करने के लिए इनके अलग-अलग उपकरण हैं, जो टारगेट को चिह्नत करने में मदद करते हैं।

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