'मिल-बांचे' कार्यक्रम : सीएम शिवराज ने बच्चों को दी लालच से बचने की सीख

'मिल-बांचे' कार्यक्रम : सीएम शिवराज ने बच्चों को दी लालच से बचने की सीख

Bhaskar Hindi
Update: 2017-08-26 02:33 GMT
'मिल-बांचे' कार्यक्रम : सीएम शिवराज ने बच्चों को दी लालच से बचने की सीख

डिजिटल डेस्क,भोपाल। मिल-बांचे मध्यप्रदेश कार्यक्रम के तहत मुख्यमंत्री शिवराज सिंह ने बच्चों से संवाद किया। सीएम मिडिल स्कूल मैनिट के बच्चों से रूबरू हुए। इस दौरान सीएम शिवराज ने बच्चों को तोते और बहेलिए की कहानी सुनाई और लालच से बचने की सीख दी। उन्होंने बच्चों को महाभारत की कहानी भी सुनाई और हमेशा सच बोलने और माता-पिता का आदर करने की बात भी बच्चों से कही। मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर गणित और साइंस ओलंपियाड तथा राज्य स्तरीय कहानी उत्सव के विजेता बच्चों को सम्मानित भी किया।

प्रदेश में आयोजित इस कार्यक्रम में मंत्री, विधायक, अधिकारी सहित 2 लाख 15 हजार 220 वॉलेंटियरों ने बच्चों को पढ़ाया। इनमें 10 पद्मश्री उपाधि से सम्मानित समाजसेवी, ख्यातिप्राप्त पूर्व ओलंपियन, साहित्यकार और पर्वतारोही शामिल हैं। सामान्य प्रशासन विभाग ने कार्यक्रम में 70 आईएएस अफसरों की ड्यूटी लगाई गई थी । ये सभी अफसर करीब एक घंटा बच्चों के बीच रहे। बता दें स्कूली बच्चों में भाषा की समझ विकसित करने, स्कूलों में समुदाय की सहभागिता बढ़ाने और शैक्षणिक गुणवत्ता में सुधार लाने के लिए राज्य सरकार ने इसी साल से मिल बांचें कार्यक्रम शुरू किया है। 18 फरवरी के बाद ये दूसरा मौका है, जब प्रदेश के मुख्यमंत्री, मंत्री, विधायक और अफसर सरकारी स्कूलों में जाकर बच्चों से रूबरू हुए।

वहीं मिल-बांचे कार्यक्रम के तहत छिंदवाड़ा में जनप्रतिनिधियों ने सरकारी स्कूलों में जाकर बच्चों को पढ़ाया। कलेक्टर जेके जैन शासकीय माध्यमिक शाला कुकड़ा जगत पहुंचे और बच्चों को कहानी के जरिए जीवन का महत्व बताया। इस दौरान उन्होंने बच्चों को बताया कि एक मां अपने बच्चे के गुड़ खाने की आदत से परेशान होकर महात्मा के पास जाती है, जहां पर महात्मा उसे तीन दिन बाद आने के लिए कहते है। दरअसल महात्मा को भी गुड़ खाने की आदत रहती है इसलिए वह इन तीन दिनों में गुड़ खाना छोड़ते है तब जाकर उस बच्चें की आदत छुड़वाते है। कलेक्टर जैन ने कहा कि पहले हमे अपनी बुरी आदतों को सुधारना होगा। 
 

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