लॉकडाउन में दूध की खपत हुई कम, बिक्री में 50% तक गिरावट

लॉकडाउन में दूध की खपत हुई कम, बिक्री में 50% तक गिरावट

Anita Peddulwar
Update: 2021-05-07 09:54 GMT
लॉकडाउन में दूध की खपत हुई कम, बिक्री में 50% तक गिरावट

डिजिटल डेस्क, नागपुर। लॉकडाउन का असर दूध की खपत पर भी हुआ है। दूध की बिक्री में करीब 50 प्रतिशत तक गिरावट आई है। इसका मुख्य कारण दूध की बिक्री का 4 घंटे का समय है।  राज्य सरकार ने लॉकडाउन के बीच दवाओं को छोड़ अत्यावश्यक सेवाओं में शामिल किराना और डेयरी सुबह 7 से 11 बजे तक शुरू रखने की इजाजत दी है। केवल 4 घंटे का समय मिलने के कारण डेयरी व्यापार काफी प्रभावित हुआ है। दूध की रोज खपत 40 से 50 प्रतिशत तक कम हुई है। आमतौर पर शहर में रोजाना 3 लाख लीटर दूध की खपत होती है। इसमेंे 2 लाख लीटर दूध पैकिंग वाला और 1 लाख लीटर दूध किसान सीधे डेयरी लेकर आते हैं।

खपत कम होने के कारण डेयरी संचालक किसानों से सीमित मात्रा में दूध खरीद रहे हैं। बचा हुआ दूध किसानों को औने-पौने दाम में बेचना पड़ रहा है। इससे किसानों को काफी नुकसान हो रहा है। शहर के एक डेयरी संचालक विजय मारोतिया ने बताया कि पहले प्रशासन की ओर से डेयरी खोलने के लिए सुबह  और शाम को दो-दो घंटे का समय दिया गया था, लेकिन बाद में आदेश में संशोधन कर सुबह 7 से 11 बजे तक का समय दिया गया है। इससे डेयरी उत्पादों की खपत में काफी कमी आई है।

शाम को भी 2 घंटे डेयरी खोलने की मिले इजाजत
मारोतिया ने कहा कि सुबह के साथ ही शाम को भी 2 घंटे डेयरी खोलने की इजाजत दी जानी चाहिए। एक ओर सुबह कम समय मिलने के कारण दुकानों में भीड़ उमड़ रही है, वहीं दूसरी ओर किसानों का भी काफी नुकसान हो रहा है। छोटी डेयरी के साथ ही दूध से विविध पदार्थ बनाने वाले बड़े कारखानों में भी दूध की खरीदी कम हो गई है। इसका सीधा असर  किसानों की आय पर पड़ रहा है।

रमजान में बढ़ जाती है मांग
रमजान माह शुरू है। इस दौरान सुबह सहरी में और शाम को रोजा खोलने के लिए दूध की मांग बढ़ जाती है। डेयरी खोलने के लिए केवल 4 घंटे का समय दिए जाने के कारण रोजा रखने वालों को शाम का भी दूध सुबह ही खरीदना पड़ रहा है।

किसानों पर दोहरी मार
किसानों पर दूध की दोहरी मार पड़ रही है। एक ओर शहर में दूध की बिक्री कम हुई है, वहीं दूसरी ओर जानवरों को खिलाए जाने वाले चारे के दाम 25 प्रतिशत तक बढ़ गए हैं। 

  

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