घोषणा के माह भर बाद भी नहीं मिली आपदा प्रभावितों को सहायता राशि, कर रहे इंतजार

घोषणा के माह भर बाद भी नहीं मिली आपदा प्रभावितों को सहायता राशि, कर रहे इंतजार

Anita Peddulwar
Update: 2018-09-20 05:53 GMT
घोषणा के माह भर बाद भी नहीं मिली आपदा प्रभावितों को सहायता राशि, कर रहे इंतजार

डिजिटल डेस्क, यवतमाल। जिले मेें बीते जुलाई-अगस्त महीने में हुई अतिवृष्टि व बाढ़ के कारण लाखों हेक्टेयर फसलें बर्बाद हो गयी, वहीं कई खेत खलिहानों की कृषि उपयोगी मिट्टी भी बह गई , जिससे किसानों का बड़े पैमाने पर आर्थिक नुकसान हुआ है।  प्रशासन की ओर से अतिवृष्टि पीड़ित किसानों के लिए 43 करोड़ 96 हजार 87 हजार रु. की सहायता राशि घोषित की गई थी। परंतु डेढ़ महीने की अवधि बीत जाने के बावजूद अभी तक किसानों को सहायता राशि नहीं मिली है, जिससे जिले के हजारों किसान आर्थिक संकट से जूझ रहे हैं। जल्द से जल्द प्रशासन की ओर से नुकसानग्रस्त किसानों के खाते में सहायता राशि जमा करवाने के लिए स्थानीय किसानों ने गुहार लगायी है।

बता दें कि, जिला प्रशासन की ओर से पात्र 46  हजार 403  किसानों की सूची तैयार की गई है, जिनका 53  हजार 82  हेक्टेयर फसल का नुकसान हुआ है। इस संदर्भ में अंतिम रिपोर्ट तैयार कर जल्द ही अमरावती विभागीय आयुक्त कार्यालय की ओर भेजी जाएगी। जबकि प्रशासन की ओर से जिले के अतिवृष्टि पीडि़तों के लिए 43  करोड़ 96  हजार 87  हजार रु. की सहायता राशि घोषित की गई थी। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार जिले के पात्र 46  हजार 403  किसानों को औसतन प्रति किसान 8 हजार रु. मिलने वाले हैं। इस रिपोर्ट को विभागीय आयुक्त सेे मंजूरी मिलने के बाद ही यह सहायता राशि जिलाधिकारी के खाते में जमा होगी। इसके बाद संबधित तहसीलदारों के खातों में भेजी जाएगी। जिसके बाद यह राशि संबंधित तहसीलदार द्वारा पीड़ित किसानों के बैंक खातों में भेजी जाएगी। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार जिले के पात्र 46  हजार 403 किसानों को औसतन प्रति किसान 8 हजार रु. मिलने की संभावना है। गौरतलब है कि, प्रशासन द्वारा जिले में हुई अतिवृष्टि व बाढ़ के कारण हुए फसल नुकसान का जायजा विलंब से लिया गया। अब जिला प्रशासन द्वारा विभागीय आयुक्त की ओर अंतिम रिपोर्ट भेजने के बाद ही पीड़त किसानों के खाते में यह सहायता राशि जमा हो पाएगी।

कुछ समय लगेगा
यवतमाल जिले में बाढ़ से क्षतिग्रस्त किसानों को मुआवजा दिलवाने के लिए अंतिम सर्वे की रिपोर्ट अमरावती विभागीय आयुक्त को भेजी जा रही है। जिसके बाद उनकी मंजूरी मिलते ही यह राशि जिलाधिकारी द्वारा तहसीलदार के माध्यम से किसानों के बैंक खातों में जमा करवाई जाएगी। जिसमें कुछ समय लगेगा। 
नरेंद्र फुलझेेले (आरडीसी, यवतमाल) 

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