जातिवाद की राजनीति का परिणाम है उपचुनावों में भाजपा की पराजय : गडकरी

जातिवाद की राजनीति का परिणाम है उपचुनावों में भाजपा की पराजय : गडकरी

Anita Peddulwar
Update: 2018-06-02 10:20 GMT
जातिवाद की राजनीति का परिणाम है उपचुनावों में भाजपा की पराजय : गडकरी

डिजिटल डेस्क, नागपुर। लोकसभा व विधानसभा के उपचुनावों में भाजपा की पराजय को भूतल परिवहन व जलसंसाधन मंत्री नितीन गडकरी ने जातिवाद की राजनीति का परिणाम कहा है। उनके अनुसार भाजपा विरोधी दल नियोजित तरीके से समाज में जातिवाद का जहर घोले जा रहे हैं। समाज में भय का वातावरण बनाया जाता है। पेट्रोल-डीजल के दाम व किसानों की समस्या भी कई स्थानों पर प्रभावी मुद्दा रहता है। हालांकि यह सब अस्थायी स्थिति है। आम चुनाव में विपक्षी दल एक साथ नहीं रह पायेंगे। शनिवार को रामदासपेठ स्थित होटल सेंटर प्वाइंट में प्रेस कांफ्रेंस में गडकरी बोल रहे थे।

केंद्र सरकार के 4 वर्ष के कार्यों की जानकारी देते हुए उन्होंने कहा कि विकास के संकल्प के साथ सत्ता में आयी भाजपा विकास के मुद्दे के साथ ही 2019 में चुनाव मैदान में होगी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में ही केंद्र में भाजपा की सरकार बनेगी। केंद्र सरकार की विविध योजनाओं व प्रस्तावित कार्यों की जानकारी देते हुए गडकरी ने दावा किया कि देश में विकास कार्य की फिलहाल जो गति है वह पहले कभी नहीं रही। भाजपा ने जो वादे किये थे वे पूरे किये जा रहे है।

महिला,युवा,अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति व समाज के प्रत्येक घटक को न्याय देने का काम किया जा रहा है। गडकरी ने कहा कि विकास के मामले पर मतभिन्नता हो सकती है। लेकिन विरोधी दलों ने विकास को छोड़ जातिवाद की राजनीति का मार्ग अपनाया है। पुणे की घटना की रिपोर्ट जल्द सामने आनेवाली है। दंगे फसाद भड़काने के प्रयास किये जा रहे हैं। दुष्प्रचार किया जा रहा है कि भाजपा बाबासाहब आंबेडकर के संविधान को बदलने का काम कर रही है। मुसलमानों में डर पैदा किया जा रहा है। आदिवासियों से कहा जा रहा है कि उनका आरक्षण छीननेवाला है। समाज का वातावरण बिगाड़ने का प्रयास किया जा रहा है।

वास्तविकता तो एकदम अलग है। भाजपा व केंद्र सरकार सामाजिक समानता व न्याय के लिए काम कर रही है। संविधान बदला नहीं जा सकता है। आरक्षित वर्गों के हितों का भी ध्यान रखा जा रहा है। उपचुनाव में एकत्र नजर आने वाले विरोधी दल आम चुनाव में साथ नहीं रह पायेंगे। टिकट बंटवारे को लेकर उनमें टकराव होगा। कर्नाटक की राजनीतिक स्थिति से जुड़े प्रश्न पर उन्होंने कहा कि राजनीति में कुछ भी हो सकता है। एक प्रश्न पर उनका कहना था कि NCP अध्यक्ष शरद पवार से उनकी मुलाकात का राजनीतिक संबंध नहीं था। राजनीति विचारों के आधार पर होना चाहिए।

गोदाम भरे हैं, अनाज के दाम तो कम होंगे ही
गडकरी ने कहा कि देश में कृषि उत्पादन बढ़ा है। गोदाम भरे हुए हैं। कुछ स्थानों पर तो अनाज रखने को जगह नहीं है। ऐसे में अनाज के दाम तो कम होंगे ही। कृषि उपज को अधिक भाव नहीं मिल पाने से किसानों का परेशान होना भी स्वाभाविक है। कृषि उपज को अधिक भाव दिलाने के लिए केंद्र सरकार विचार कर रही है। कृषि उपज के निर्यात की सुविधा बढ़ाने पर भी जोर दिया जा रहा है। महाराष्ट्र में 5 स्थानों पर बड़े निर्यात केंद्र तैयार किये जा रहे हैं। पूरक खेती के तौर पर बांस उत्पादन व इथेनाल निर्माण के लिए किसानों को न केवल प्रोत्साहित किया जा रहा है अपितु सहायता भी दी जा रही है। वैश्विक अर्थव्यवस्था व सरप्लस उत्पादन के कारण देश में परंपरागत कृषि उपज के  दाम कम हुए है।

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