संतों ने ही समाज को जोड़ा है : रामदास आठवले

संतों ने ही समाज को जोड़ा है : रामदास आठवले

Anita Peddulwar
Update: 2018-02-16 08:44 GMT
संतों ने ही समाज को जोड़ा है : रामदास आठवले

डिजिटल डेस्क, गोंदिया। संतों ने हमेशा समाज को जोडऩे का कार्य किया है, लेकिन कुछ लोग समाज में दरार निर्माण करने का काम कर रहे हैं। यदि अभी भी हम सोते रहें तो हमारा अस्तित्व ही खतरे में पड़ जाएगा। समाज की एकता एवं उत्थान के लिए भगवान बुद्ध की समता की भूमिका को साकार करना होगा। संत साहित्य सम्मेलन वैचारिक भूमिका रखने का मंच है। उक्ताशय के उद्गार केंद्रीय सामाजिक न्याय एवं सक्षमीकरण राज्य मंत्री रामदास आठवले ने अर्जुनी मोरगांव के संत चोखोबानगर में आयोजित 7 वें अखिल भारतीय मराठी संत साहित्य सम्मेलन के उद्घाटन अवसर पर व्यक्त किए। इस अवसर पर स्वागताध्यक्ष एवं राज्य के सामाजिक न्याय मंत्री राजकुमार बडोले, सम्मेलनाध्यक्ष हभप रामकृष्ण महाराज लहवितकर, ऊर्जा मंत्री चंद्रशेखर बावनकुले, दुग्ध विकास मंत्री महादेव जानकर, सहकार मंत्री सुभाष देशमुख, सामाजिक न्याय राज्यमंत्री दिलीप कामले  ,विधायक परिणय फुके, संजय पुराम, जिलाधिकारी अभिमन्यु काले सहित गणमान्य नागरिक प्रमुखता से उपस्थित थे।  
संतों की सीख आत्मसात करने की दी सलाह
संत साहित्य सम्मेलन का आयोजन वारकरी साहित्य परिषद महाराष्ट्र, डा.बाबासाहब आंबेडकर समता प्रतिष्ठान नागपुर, डा.बाबासाहब आंबेडकर संशोधन व प्रशिक्षण संस्था (बार्टी पुणे), जिला नियोजन समिति के संयुक्त तत्वावधान में किया गया है।  इस अवसर पर स्वागताध्यक्ष राजकुमार बडोले ने कहा कि देश में सातवीं सदी से लेकर आज तक संतों की परंपरा चलती आ रही है। संतों ने जाति निर्मूलन का मंत्र दिया है। आज के समाज को संतों की सीख अपनाने की आवश्यकता है। मंत्री महादेव जानकर ने कहा कि अब अध्यात्म की ओर बढऩे की आवश्यकता महसूस होने लगी है।  सहकारमंत्री सुभाष देशमुख ने कहा कि आज किसान आत्महत्या कर रहे हैं। उन्हें परावृत्त करने के लिए संतों को उत्कृष्ट मार्गदर्शन करने की आवश्यकता है। ऊर्जामंत्री चंद्रशेखर बावनकुले ने कहा कि संतों ने राज्य का निर्माण किया है। समाज की संस्कृति टिकाकर रखने की जिम्मेदारी वारकरी संप्रदाय ने निभाई है। कार्यक्रम में सांसद प्रफुल पटेल के शुभकामना संदेश का पठन भी किया गया।  

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