मौजमस्ती के लिए कॉफी शॉप का सर्वर हैक करता था नाबालिग

मौजमस्ती के लिए कॉफी शॉप का सर्वर हैक करता था नाबालिग

Anita Peddulwar
Update: 2020-11-27 12:12 GMT
मौजमस्ती के लिए कॉफी शॉप का सर्वर हैक करता था नाबालिग

डिजिटल डेस्क, मुंबई ।  मौज मस्ती के लिए बड़े कॉफी शॉप का सर्वर हैक कर ग्राहकों के यूजरनेम और  पासवर्ड हासिल करना एक 17 साल के नाबालिग को महंगा पड़ गया। चार्टर्ड एकाउंटेंट (सीए) की पढ़ाई कर रहे युवक को दो साल तक गैरसरकारी संस्था (एनजीओ) की निगरानी में रहना होगा इस दौरान व्यवहार में सुधार के लिए उसकी काउंसलिंग की जाएगी। इसके अलावा एक साल अच्छे व्यवहार के लिए उसे 15 हजार रुपए का बांड भी भरकर देना होगा। आरोपी के नाबालिग होने के चलते बाल न्यायालय ने उसे सुधरने का मौका दिया है।

आरोपी ने यूट्यूब और सोशल मीडिया से कॉफी शॉप को चूना लगाने का यह तरीका सीखा था। मामले में कॉफी शॉप की ओर से इसी साल 28 सितंबर को साइबर पुलिस स्टेशन में शिकायत दर्ज कराई गई  थी। कॉफी शॉप के कर्मचारियों  ने पाया कि किसी ने उनके अकाउंट में लॉगइन कर गिफ्ट कार्ड दूसरे खाते में ट्रांसफर कर लिए हैं। बाद में दूसरे ग्राहकों ने भी इसी तरह की शिकायत की। इसके बाद मामले की शिकायत पुलिस से की गई। साइबर पुलिस ने आईपीसी की धारा 419, 420 के साथ आईटी एक्ट की धारा 43(ए), 66 और 66 (सी) के तहत एफआईआर दर्ज कर छानबीन शुरू की।

छानबीन में पता चला कि गिफ्टकार्ड ट्रांसफर के लिए कॉफी शॉप के ही सर्वर से लॉग इन किया गया था। इसके बाद सीसीटीवी और दूसरी तकनीकी जानकारियों के आधार पर साइबर पुलिस 17 साल के नाबालिग तक पहुंच गया। युवक ने पुलिस से बचने के लिए फर्जी नाम से खरीदे गए सिम कार्ड का इस्तेमाल किया था। दरअसल गिफ्टकार्ड और पॉइंट का इस्तेमाल करने पर कॉफी शॉप अपने ग्राहकों  को खास रकम तक के खाने पीने का सामान देता है। इसीलिए आरोपी ने दोस्तों के साथ पार्टी करने के लिए कॉफी शॉप से गिफ्टकार्ड और पाइंट चुराए थे। सीनियर इंस्पेक्टर एसएस सहस्रबुद्धे ने अभिभावकों से अपील की है कि वे अपने युवा बच्चों की ऑनलाइन गतिविधियों पर नजर रखें और उन्हें समझाएं कि इस तरह की हरकत उन्हें किस तरह की परेशानी में डाल सकती है।  


 

 

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