साल भर बाद भी नहीं मिली मनरेगा की मजदूरी, अब पानी के भी लाले पड़े

साल भर बाद भी नहीं मिली मनरेगा की मजदूरी, अब पानी के भी लाले पड़े

Bhaskar Hindi
Update: 2018-05-24 08:54 GMT
साल भर बाद भी नहीं मिली मनरेगा की मजदूरी, अब पानी के भी लाले पड़े

डिजिटल डेस्क, उमरिया । आकाशकोट के ग्रामीणों ने बुधवार को क्षेत्रीय समस्याओं को लेकर उमरिया मुख्यालय में तिरंगा रैली निकाल कर प्रधानमंत्री के नाम जिला प्रशासन को ज्ञापन सौंपा। ज्ञापन में कहा गया कि इस क्षेत्र मेंं लंबे समय से समस्याएं व्याप्त हैं, लेकिन निराकरण नहीं किया जा रहा है। यहां दो साल से मनरेगा मजदूरी का भुगतान नहीं किया गया। जिसके लिए यहां के श्रमिक परेशान हैं। इसकी सुनवाई न तो ग्रामपंचायत में होती है और न कलेक्टर व जनपद में सुनवाई होती है। आकाशकोट के सात गांव कछरा, बरहा टोला,अमुवारी, बाजाकुण्ड, तुम्मादादर, माली, करौंदा, मरदर, बाजाकुण्ड के 3 सौ मजदूरों की 3713 कार्य दिवस की  मजदूरी बकाया है।

इन्ही गांवों में पेयजल की भी काफी समस्या है। इसके कारण लोग दूषित पानी पीकर जलजनित बीमारियों के शिकार होते हैं। ग्राम अमड़ी के 70 वंचित परिवारों की पुश्तैनी 150 एकड़ भूमि को 5 लोगों के नाम अवैध पट्टा बना दिया गया है। इन समस्याओं का निराकरण किया जाए। ग्रामीणों ने आरोप लगाया कि आकाशकोट का क्षेत्र आज भी उपेक्षित है और प्रशासन उनकी समस्याओं की ओर ध्यान नहीं देता। यहां प्रदर्शन में शामिल कुछ ग्रामीणों ने बताया कि शासन को प्रति वर्ष की स्थिति मालुम है लेकिन पेयजल के ठोस उपाय नही किए जा रहे हैं। पानी की कमी के कारण यहां की खेती बाड़ी काफी पिछड़ी हुई है।

अधिकांश लोग मेहनत मजदूरी करके ही गुजारा करते हैं। उसकी स्थिति यह है कि न तो समय पर काम मिलता है और न समय पर काम का भुगतान होता है। यहां के लोग परिश्रम करने के बाद भी भटकते रहते हैं। इस क्षेत्र में अधिकरियों का भ्रमण बहुत कम ही होता है। अधिकारी आते  भी हैं तो केवल आश्वासन देकर चले जाते हैं। आकाशकोट विकास की धारा में बहुत पिछड़ा हुआ है। ग्रामीणों ने आज ज्ञापन के माध्यम से प्रशासन का ध्यान आकृष्ट किया है। अब शायद प्रशासन ग्रामीणों की मदद करें।

नहीं सुधरा बिगड़ा हैंडपंप
पाली विकासखंड अंतर्गत घुनघुटी स्टेशन रोड स्थित एक हैंडपंप विगत दस दिनों से बंद पड़ा है। जिससे पानी की किल्लत हो रही है। ग्रामीणों का कहना है कि सूचना ग्राम पंचायत को दी गयी। लेकिन आज तक हैंडपंप में सुधार नहीं किया गया। ग्रामीणों का कहना है कि ग्राम पंचायत द्वारा लापरवाही बरती जा रही है।

 

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